आज के डिजिटल युग में भी नकद लेनदेन (Cash Transaction) का चलन कम नहीं हुआ है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयकर विभाग ने नकद लेनदेन की एक निश्चित सीमा तय की है? अगर आप इस सीमा से अधिक नकद का लेनदेन करते हैं, तो आयकर विभाग की ओर से नोटिस (Income Tax Notice) आपके दरवाजे पर दस्तक दे सकता है। यह नोटिस न केवल परेशानी का सबब बन सकता है, बल्कि गलत जवाब देने पर भारी जुर्माना (Fine on Cash Transaction) भी लग सकता है। आइए, आयकर विभाग के इन नियमों को विस्तार से समझते हैं ताकि आप अनजाने में किसी मुसीबत में न फंसें।
नकद लेनदेन की सीमा क्या है?आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक नकद लेनदेन नहीं कर सकता। चाहे आप किसी को नकद दें या किसी से लें, यह सीमा दोनों पर लागू होती है। यदि आप इस नियम का उल्लंघन करते हैं, तो आयकर विभाग आपको तुरंत नोटिस भेज सकता है। हालांकि, कुछ अपवाद भी हैं। उदाहरण के लिए, बैंक, डाकघर, या कुछ सरकारी संस्थानों से नकद निकासी पर यह सीमा लागू नहीं होती। लेकिन सामान्य लेनदेन में इस नियम का पालन करना अनिवार्य है।
आयकर कानून की प्रमुख धाराएंआयकर अधिनियम (Income Tax Act) की कुछ धाराएं नकद लेनदेन को नियंत्रित करती हैं। धारा 40A(3) और धारा 43 नकद भुगतान (Cash Payment Rules) से संबंधित हैं, जबकि धारा 269SS और 269ST नकद प्राप्त करने के नियमों को कवर करती हैं। इसके अलावा, धारा 269T लोन या सावधि जमा (Fixed Deposit) के नकद भुगतान से जुड़ी है। विशेष रूप से धारा 269ST के तहत, एक व्यक्ति एक ही दिन में किसी एक व्यक्ति से 2 लाख रुपये से अधिक नकद नहीं ले सकता। इस सीमा को तोड़ने पर नोटिस के साथ-साथ जुर्माना भी लग सकता है।
डिजिटल लेनदेन: सुरक्षित और आसान विकल्पआयकर विभाग का उद्देश्य नकद लेनदेन को कम करके पारदर्शिता बढ़ाना है। इसलिए, अगर आपको बड़ी राशि का लेनदेन करना है, तो बैंकिंग प्रणाली का उपयोग करें। एनईएफटी (NEFT), आरटीजीएस (RTGS), या यूपीआई (UPI) जैसे डिजिटल माध्यम न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि आयकर नियमों के अनुरूप भी हैं। ये तरीके नकद लेनदेन की परेशानियों से बचाते हैं और आपके वित्तीय रिकॉर्ड को पारदर्शी रखते हैं।
सावधानी ही बचाव हैनकद लेनदेन के नियमों की जानकारी होना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। अनजाने में किए गए नियमों के उल्लंघन से बचने के लिए अपनी वित्तीय आदतों को डिजिटल बनाएं। अगर आप नकद में लेनदेन करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह 2 लाख रुपये की सीमा से कम हो। आयकर विभाग की नजर हर बड़े नकद लेनदेन पर रहती है, और एक छोटी सी गलती आपको बड़ी परेशानी में डाल सकती है।
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