जौनपुर ,19 अगस्त (हि .स.)। अवैध रूप से चल रही प्राइवेट बसों से परिवहन निगम को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। नियमानुसार रोडवेज परिसर से एक किलोमीटर की दूरी तक प्राइवेट बस स्टैंड नहीं बन सकता। लेकिन नगर कोतवाली क्षेत्र के जेसीज चौराहे पर, जो रोडवेज से मात्र 500 मीटर दूर है, प्राइवेट बसों का अड्डा बना हुआ है।
वाराणसी और प्रयागराज रूट पर सबसे ज्यादा नुकसान देखा जा रहा है। आजमगढ़ मार्ग पर भी डग्गामार वाहनों के कारण राजस्व प्रभावित हो रहा है। इस मामले में बुधवार को हिदुस्थान समाचार से बात करते हुए एआरएम ममता दुबे ने बताया कि जौनपुर डिपो में 97 बसें हैं। प्राइवेट बस संचालक रोडवेज बसों के आगे अपनी गाड़ियां खड़ी कर यात्रियों को बैठा लेते हैं।भ्रम पैदा करने के लिए प्राइवेट बस मालिक रोडवेज बसों जैसे ही रंग का प्रयोग कर रहे हैं। इससे यात्रियों को सरकारी और निजी बसों में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। शासन ने एआरएम, सिटी मजिस्ट्रेट और एआरटीओ को संयुक्त जांच का निर्देश दिया है।
यातायात पुलिस और एआरटीओ प्रशासन को अवैध वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस कारण परिवहन निगम को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही इस मामले में यातयात प्रभारी सुशील कुमार मिश्रा का कहना है कि इसकी जिम्मेदारी नगर पालिका परिषद की है जिनके द्वारा स्टैंड बनाया जाना है जहां इन गाड़ियों को खड़ा करना है वो कही नहीं है जिस कारण समस्या है। हमको जगह मिल जाएगी तो हम इन वाहनों को वही खड़ा करवा देगे। इस मामले में बात करने के लिए एआरटीओ प्रवर्तन अधिकारी सतेंद्र कुमार सिंह से दूरभाष पर बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन नहीं उठा।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
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