शिमला, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि हार्ट अटैक से छह घंटे के भीतर लगाए जाने वाले टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन की शॉर्ट एक्सपायरी डेट होने के कारण इन्हें बहुत अधिक मात्रा में नहीं खरीदा जा सका। उन्होंने बताया कि इस संबंध में आईसीएमआर नई दिल्ली द्वारा चलाया गया स्टेमी एक्ट प्रोजेक्ट नवंबर, 2024 में बंद कर दिया गया था। इसके चलते शेष राशि को अगले वर्ष की खरीद के लिए उपयोग करना संभव नहीं था। बाद में आईसीएमआर ने अप्रयुक्त शेष धनराशि ब्याज सहित वापसी मांगी, जिसे मई 2025 में लौटा दिया गया।
मुख्यमंत्री सुक्खू मंगलवार को विधानसभा में विधायक डॉ. जनक राज द्वारा नियम-62 के तहत उठाए गए मामले का उत्तर दे रहे थे। डॉ. जनक राज ने कहा कि प्रदेश में कुल मौतों में 14.2 प्रतिशत मौतें हार्ट अटैक से हो रही हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि इस इंजेक्शन को समय पर उपलब्ध कराया जाए तो कई मरीजों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने सरकार पर गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आईजीएमसी शिमला को आईसीएमआर के तहत जनवरी 2020 से यह प्रोजेक्ट आवंटित हुआ था। इस प्रोजेक्ट के लिए 71 लाख रुपये की राशि मिली थी, जिसमें से 45 लाख रुपये से मार्च 2024 तक इंजेक्शन खरीदे गए। इन्हें शिमला जिले के अंतर्गत चयनित सीएचसी और पीएचसी को जरूरत के अनुसार दिया गया। इसके अलावा, जून 2024 में इंजेक्शन खरीद के लिए 26 लाख रुपये और प्राप्त हुए, लेकिन नवंबर 2024 तक पर्याप्त इंजेक्शन उपलब्ध थे। उन्होंने कहा कि चूंकि इनकी एक्सपायरी तिथि छोटी होती है, इसलिए अतिरिक्त खरीदना संभव नहीं था।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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