मुंबई 3 सितंबर ( हि. स.) । मुख्यमंत्री समृद्धि पंचायत राज अभियान के अंतर्गत जनांदोलन बनाने हेतु जिला स्तर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। सरकार की महत्वाकांक्षी पहल मुख्यमंत्री समृद्धि पंचायत राज अभियान के अंतर्गत 3 सितंबर, 2025 को बी. जे. हाई स्कूल सभागार, टेंभी नाका, ठाणे में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिला परिषद सहित जिले के सभी विभागों के प्रतिनिधि, अधिकारी एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे तथा अभियान के उद्देश्यों, भूमिकाओं एवं दायित्वों पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया। इस कार्यशाला के माध्यम से ग्रामीण विकास में तेजी लाने और प्रत्येक गाँव में सतत विकास प्राप्त करने पर बल दिया गया।
ग्राम पंचायतों को प्रधानमंत्री आवास, जल संरक्षण और राजस्व से संबंधित कार्य समय पर करने चाहिए। समन्वय बनाए रखना चाहिए और ग्राम पंचायत को अभियान के लिए पात्र बनाने के लिए, समूह विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी को पहल करके ग्रामीणों को योजनाओं की सटीक जानकारी प्रदान करनी चाहिए। इस कार्यशाला में, मनरेगा के तहत घरकुल, पशु चिकित्सालय और सार्वजनिक संपत्तियों का रिकॉर्ड सुनिश्चित करने और उनकी अच्छी स्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। महिला स्वयं सहायता समूह, बांस रोपण गतिविधियों के साथ-साथ मिशन कायाकल्प के तहत बाजार विकास, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए। जिला परिषद को जिले में सौर लैंप, ई-लाइब्रेरी जैसी अभिनव गतिविधियों को लागू करने की पहल करनी चाहिए। जिला कलेक्टर डॉ. कृष्ण पंचाल ने सभी ग्राम पंचायतों से मुख्यमंत्री समृद्धि पंचायत राज अभियान में भाग लेने की पहल करने की अपील की गई।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहन घुगे ने आज कहा कि ग्रामीण विकास की असली ताकत जनभागीदारी में निहित है और उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायत से स्वनिधि, जल समृद्धि, घरकुल, पशु चिकित्सालय, सार्वजनिक संपत्ति और आजीविका योजनाओं जैसी गतिविधियों पर ठोस रूप से काम करने की अपील की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ग्राम पंचायतें स्वामित्व योजना, मिशन कायाकल्प, स्वास्थ्य सुधार और अभिनव पहलों को क्रियान्वित करके मुख्यमंत्री समृद्धि पंचायत राज अभियान में उत्साहपूर्वक भाग लेंगी।
कार्यशाला में सुशासित पंचायतें, सशक्त पंचायतें, जल-समृद्ध, स्वच्छ और हरित गाँव, मनरेगा और अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण, संस्थागत सशक्तिकरण, आजीविका विकास और सामाजिक न्याय, जनभागीदारी के माध्यम से जन आंदोलन, अभिनव पहल आदि जैसे विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया गया। स्व-वित्तपोषण और जन-योगदान के माध्यम से ग्राम पंचायतों के वित्तीय सशक्तिकरण, जल आपूर्ति, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण, खेत तालाबों और घरकुल निर्माण योजनाओं के साथ अभिसरण, ग्राम-स्तरीय संस्थाओं के सशक्तिकरण और महिला स्वयं सहायता समूहों, किसानों और कमजोर वर्गों के लिए ठोस उपायों पर विशेष जोर दिया गया।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
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