New Delhi, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Indian प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रायपुर के निदेशक राम कुमार काकनी के इस्तीफे पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने केंद्र सरकार पर सार्वजनिक संस्थानों की स्वायत्तता को कमजोर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार न केवल नए सशक्त संस्थानों के निर्माण में विफल रही है, बल्कि पहले से सुसंगठित और कार्यशील संस्थाओं की स्वतंत्रता को भी सीमित कर रही है.
खेड़ा ने एक्स पोस्ट में कहा, “केंद्र सरकार ने कोई मजबूत संस्थान नहीं खड़ा किया. सरकार की अक्षमता इतनी गहरी है कि उसे कार्यशील स्थिति में विरासत में मिली संस्थाएं भी अब दबाव में आकर ढहने लगी हैं.” उन्होंने आईआईएम रायपुर के निदेशक के इस्तीफे पर कहा कि यह देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों की प्रशासनिक स्वायत्तता और संचालनात्मक ईमानदारी पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है. खेड़ा ने दावा किया कि साल 2021 के बाद से यह तीसरा मामला है जब किसी आईआईएम के निदेशक ने अपना कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व इस्तीफा दिया है.
उन्होंने कहा कि इससे पूर्व आईआईएम कलकत्ता के दो निदेशक भी बोर्ड में राजनीतिक दखल और स्वायत्तता में कटौती का हवाला देते हुए पद से हट चुके हैं. खेड़ा ने इन घटनाओं को आईआईएम अधिनियम की भावना के विरुद्ध बताया.
उल्लेखनीय है कि आईआईएम रायुपुर के निदेशक राम कुमार काकनी ने विगत 21 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इस पद पर उनका अभी दो वर्ष का कार्यकाल शेष था.
—————
(Udaipur Kiran) / प्रशांत शेखर
You may also like
iPhone EMI पर लेना आसान है , पर क्रेडिट स्कोर के लिए हो सकता है यह बड़ा खतरा
धन की कमी और कर्ज से मुक्ति चाहिए` तो इस अंग पर बांधें काला धागा चमत्कारी असर खुद देखेंगे
कमर दर्द से आराम के लिए महिला ने अपनाया देसी नुस्खा, पेट दर्द बढ़ा तो पहुंची अस्पताल, खुला हैरान करने वाला राज
बिहार चुनाव में करीब 8.5 लाख चुनाव अधिकारी तैनात
मुख्यमंत्री नहीं चाहते ओबीसी समुदाय को मिले आरक्षण : उमंग सिंघार