कोलकाता, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . दुर्गापुर में 23 वर्षीय ओडिशा की एमबीबीएस छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले ने West Bengal की राजनीति को झकझोर दिया है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि Chief Minister ममता बनर्जी इस घटना के तथ्यों को छिपाने और पीड़िता पर ही दोष मढ़ने की कोशिश कर रही हैं.
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने Monday सुबह ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने पीड़िता के बाहर निकलने के समय को लेकर “झूठ बोला.” उन्होंने दावा किया कि Chief Minister ने कहा था कि छात्रा रात साढ़े बारह बजे कॉलेज कैंपस से बाहर निकली थी, जबकि मेडिकल कॉलेज के आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार वह शाम आठ बजे ही बाहर गई थी. मालवीय ने लिखा, “आईक्यू सिटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अनुसार पीड़िता रात साढ़े बारह बजे नहीं, बल्कि आठ बजे बाहर गई थी. यह पूरी तरह सामान्य समय है, लेकिन Chief Minister ने झूठ बोलकर जनता को गुमराह किया.”
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने अपराध की जिम्मेदारी निजी कॉलेज पर डालने की कोशिश की, जबकि असली नाकामी राज्य की कानून-व्यवस्था की थी. मालवीय ने कहा, “कॉलेज के आसपास का इलाका लंबे समय से असामाजिक गतिविधियों का केंद्र रहा है, वहां पर्याप्त रोशनी और पुलिस गश्त नहीं थी. यह पूरी तरह प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है.”
भाजपा नेता ने Chief Minister पर यह भी आरोप लगाया कि वह न्याय के बजाय राजनीतिक गणना में लगी हुई हैं. मालवीय ने लिखा, “यह कोई आश्चर्य नहीं होगा यदि Chief Minister समुदाय विशेष के नेताओं से समझौता कर मामले को कमजोर करें. उनके लिए महिलाओं की गरिमा हमेशा राजनीतिक हितों से पीछे रहती है.”
इसी क्रम में भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने भी ममता बनर्जी पर बंगाल की महिलाओं की गरिमा से समझौता करने का आरोप लगाया. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “ममता बनर्जी का झूठ पकड़ा गया. उन्होंने कहा था कि छात्रा को रात साढ़े बारह बजे बाहर नहीं निकलना चाहिए था, जबकि रिकॉर्ड बताता है कि वारदात शाम आठ बजे हुई. Chief Minister को गृह मंत्री और Chief Minister दोनों पदों से इस्तीफा देना चाहिए.”
इस बीच, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी Monday को दुर्गापुर पहुंचेंगे और पीड़िता के परिजनों से मुलाकात करेंगे.
Chief Minister ममता बनर्जी को उनके बयान को लेकर भारी विरोध झेलना पड़ रहा है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था कि “निजी संस्था को रात में छात्राओं को बाहर जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए” और “लड़कियों को भी सतर्क रहना चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा था की लड़कियों को रात को बाहर नहीं निकलना चाहिए. विपक्षी दलों और महिला अधिकार संगठनों ने इस बयान को पीड़िता को दोषी ठहराने वाला बताया और कड़ी निंदा की.
बढ़ते विवाद के बीच ममता बनर्जी ने सफाई दी कि उनके बयान को “राजनीतिक उद्देश्य से तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है.” उन्होंने कहा, “आप लोग सवाल पूछते हैं, मैं जवाब देती हूं, और फिर मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है. मैं सीधे बोलती हूं, पर कोई सुनना नहीं चाहता.”
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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