उत्तरकाशी, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । आराकोट बंगाण के इलाके में सेब की फसल पूरी तरह से तैयार है। लोग इन्हें मंडियों तक पहुंचाने की योजना बना रहे थे लेकिन आपदा से सड़कें बंद हैं। प्रशासन का फोकस अभी मुख्य सड़कों की बहाली पर ही है जबकि एक-एक लिंक रोड जब तक सही नहीं होंगे तब तक बागवानों के सेब मंडियों तक नहीं पहुंच पाएंगे।
जिले के आराकोट-दुचाणु-किराणु मोटर मार्ग एक सप्ताह बंद होने से सेब बागवानों में बर्बाद के कगार पर है। नुराणु गांव के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान महेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि बंगाण क्षेत्र में एक हजार से अधिक सेब की पेटियां पैक हो रखी है लेकिन आराकोट-दुचाणु-किराणु मोटर बंद होने से कम से कम 15 से 20 बागवानों के सेब सड़ने के कगार पर है।
उन्होंने कहा कि लोकनिर्माण विभाग की सड़कें बंद होती है तो खुल जाती है लेकिन पीएमजेएसवाई सड़कें नहीं खुलती हैं। उन्होंने पीएम जेएसवाई पुरोला के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए जल्द मार्ग न खोलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। क्षेत्र के बाल चंद नेगी पूर्व प्रधान नूराणु, रोजी लाल, मखन सिंह, आदि ग्रामीणों बताया कि आपदा ने लोगों को पहले ही उजाड़ दिया है। ऐसे में इतनी लागत के बाद पैदा हुआ सेब अगर बाजार तक नहीं पहुंचा तो बागवानों की हालत बहुत खराब हो जाएगी। इसलिए हमारा सरकार से निवेदन है कि सड़कों की बहाली का काम युद्ध स्तर पर चलाए जाए।
गौरतलब है कि हिमाचल सीमा से सटे जिले का आरकोट बंगाण क्षेत्र सेब उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन जब सेब बागवान तैयार हो गये तब सड़कें बंद हो गई जिससे यहां के बागवानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है।
(Udaipur Kiran) / चिरंजीव सेमवाल
You may also like
रात में फ्रिज में रखा खाना सुबह खाया तो काटनेˈ पड़े उंगलियां और दोनों पैर आप भी रहें सतर्क
तीन दिन से गंगोत्री हाईवे बंद, जरूरी सामानों के वाहन आधे रास्ते में फंसे
साइबर क्राइम होने पर तत्काल 1930 डायल कर दर्ज कराएं शिकायत : साइबर सेल थाना प्रभारी
मोर्टार शेल बरामद होने से हड़कंप
पूर्व सांसद आत्महत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा