हैदराबाद, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । तेलंगाना विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज (रविवार को) सरकार ने सदन में कालेश्वरम आयोग की रिपोर्ट पेश की। न्यायमूर्ति पीसी घोष ने विधायकों को पेन ड्राइव में आयोग की रिपोर्ट सौंपी। इस संदर्भ में, आयोग ने रिपोर्ट में कई अहम बातें उजागर की है।
कालेश्वरम आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, योजना, डिजाइन और निर्माण में खामियां पाई गईं। निर्माण कार्य वित्तीय अनुशासन के बिना किया गया।
रखरखाव संरक्षण के अभाव में तीनों बैराजों को भारी नुकसान हुआ। निर्माण कंपनियों ने गुणवत्ता नियंत्रण के मामले में सरकार से धोखाधड़ी की। बैराज निर्माण के लिए नियमों के विरुद्ध बजट जारी किया गया। तीनों बैराजों की योजना, डिज़ाइन और निर्माण की पल-पल की जानकारी तत्कालीन मुख्यमंत्री के साथ साझा की गई
हालांकि विशेषज्ञ समिति ने मेदिगड्डा परियोजना के निर्माण की सिफारिश नहीं की थी, फिर भी मुख्यमंत्री के आदेश पर मेदिगड्डा का निर्माण कार्य किया गया। साथ ही, कालेश्वरम आयोग की रिपोर्ट में अधिकारियों की गलतियों की ओर इशारा किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों ने गलतियां कीं और नियमों के विरुद्ध काम किया। इसमें कहा गया है कि कई मुख्य अभियंताओं ने आयोग के समक्ष उचित साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए। आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के बजाय मुख्यमंत्री के नाम से रिपोर्ट दी।
आयोग का कहना कि परियोजना निर्माण के अनुमानों को बढ़ाकर जनता के पैसे का दुरुपयोग किया गया। बैराजों के निर्माण में गुणवत्ता नियंत्रण उचित नहीं था। कालेश्वरम परियोजना पर नियुक्त आयोग ने आरोप लगाया गया है कि जोशी हरिराम और मुरलीधर जैसे सिंचाई विभाग केअधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
आज कालेश्वरम परियोजना पर आयोग रिपोर्ट के चर्चा के दौरान पर सदन में मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी ने कहा पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और उनकी भारत राष्ट्र समिति की सरकार तेलंगाना के लोगों का लाखों करोड़ों का पैसा लूटने के लिए परियोजना का निर्माण करने का फैसला लिया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केसीआर को निजाम से भी अमीर होने की जरूरत महसूस हुई होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केसीआर और पूर्व सिंचाई मंत्री हरीश राव ने परियोजना का निर्माण में का फैसला पहले ही कर लिया था। सीएम रेवंत रेड्डी ने पूर्व सिंचाई मंत्री हरीश राव के बयानों की कड़ी आलोचना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपने बयानों से तेलंगाना जनता को गुमराह कर रहे हैं।
इस आयोग का रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए विपक्षी नेता और भारत राष्ट्र समिति के पूर्व मंत्री हरीश राव ने कहा कि लोगों को कालेश्वरम परियोजना के बारे में तथ्य जानने की जरूरत है। उन्होंने सरकार से कहा कि आप अपनी मर्जी से आरोप क्यों नहीं लगाते और हमें बोलने का मौका क्यों नहीं देते? उन्होंने सवाल किया कि हम 660 पन्नों की रिपोर्ट पर आधे घंटे में सब कुछ कैसे बोल सकते हैं? क्या यह संभव है?
हरीश राव ने आग्रह किया कि मुझे दो घंटे दीजिए। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि आपने जो कुछ भी किया है, वह एक राजनीतिक नाटक है। क्या जस्टिस पीसी घोष आयोग की जांच निष्पक्ष थी? या नहीं? यह स्पष्ट किया जाना चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / नागराज राव
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