जयपुर, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Rajasthan हाईकोर्ट ने आरएमआरएस के तहत विभिन्न राजकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में कंप्यूटर ऑपरेटर और हेल्पर सहित अन्य पदों पर तैनात संविदाकर्मियों को हटाने पर रोक लगाई है. इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं को प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए नियुक्त करने पर भी पाबंदी लगाई है. अदालत ने कहा कि इन संविदाकर्मियों को Rajasthan मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी के माध्यम से ही कार्यरत रखा जाए. वहीं अदालत ने मामले में चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और संबंधित सीएमएचओ से जवाब तलब किया है. जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने यह आदेश चंद्रप्रकाश व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं का विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर काम करने का अनुबंध सीधे तौर पर आरएमआरएस से है. याचिकाकर्ताओं के आवेदन को Rajasthan कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022 के तहत नियमित करने के राज्य सरकार को भेजा गया, लेकिन विभाग ने गत 20 अगस्त को आदेश जारी कर कहा कि चिकित्सा विभाग के अधीन संविदाकर्मियों की नियुक्ति प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से ही की जाएगी. वहीं पूर्व में कार्यरत संविदाकर्मी की सेवाएं भी प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से नियुक्ति किए गए संविदाकर्मियों से रिप्लेस की जाएगी. इसके चुनौती देते हुए कहा गया कि साल 2022 के नियमों तहत याचिकाकर्ताओं की स्क्रीनिंग कर नियमितिकरण की कार्रवाई लंबित है. उनकी सेवाओं को प्लेसमेंट एजेंसी के अधीन करना और उनके स्थान पर दूसरे संविदाकर्मियों को लगाना गैरकानूनी है. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ताओं को हटाने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
—————
(Udaipur Kiran)
You may also like
पंजाब: सीबीआई ने आईपीएस के घर से बरामद किए 5 करोड़ नकद व गहने
रायपुर : गन्ना उत्पादक किसानों को 11.09 करोड़ रुपये का बोनस भुगतान
छात्रा ने उठाया लड़की होने का फायदा परीक्षा कॉपी में` लिखी ऐसी बात। मास्टर जी के उड़ गए तोते।
डोरंडा काली पूजा समिति राजस्थानी कला-संस्कृति की थीम बनाएगी भव्य पंडाल
प्रत्येक रविवार को लगेगा “बहु-बेटी संबंध” कैम्प, महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण की दिशा में गोरखपुर जोन की नई पहल