दुमका, 22 अप्रैल . दुमका के 28 वर्षीय सौरभ सिन्हा ने चौथी बार में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की. साधारण परिवार के सौरभ सिन्हा ने भारतीय लोक सेवा आयोग में 49 वां रैंक हासिल कर दुमका जिला का मान बढ़ाया है. सौरभ के पिता प्रियव्रत सिन्हा उर्फ पिंटू जिला अधिवक्ता संघ, दुमका कार्यालय के प्रधान क्लर्क के रूप में कार्यरत है. बेहद ही शालीन और सौम्य प्रियव्रत सिन्हा ने बेटे की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए अन्य बच्चों के लिए संदेश देते हुए कहा कि लगन व परिश्रम से लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. भले ही देरी से सही लेकिन एक न एक दिन अथक प्रयास से मंजिल जरूर मिलती है. माता विभा सिन्हा साधारण गृहणी महिला है. मंगलवार की दोपहर बेटे ने उत्तर प्रदेश के लखनउ से फोन कर यूपीएससी परीक्षा पास होने की बात कही. जिसके बाद खुशी का काई ठिकाना नहीं रहा. बताते है कि सौरभ का पुकारू नाम अंकित है. वह पढ़ाई के सिवाय किसी अन्य प्रकार के चीजों में कोई दिलचस्पी नहीं रखता था. जब भी मौका मिलता था पढ़ाई में लग जाता था.
सौरभ की प्रारंभिक पढ़ाई-लिखाई दुमका से हुई. इंटरमीडिएट तक ग्रीन माउंट एकेडमी, दुमका में पढ़ाई किया. उसके बाद आईआईटी खड़गपुर से स्कॉलरशीप लेकर इंजीनियरिंग की. पिता प्रियव्रत सिन्हा बताते है कि शुरूआत से ही यूपीएससी पास करने की हसरतें पाले रहा. वर्ष 2019 में बीटेक पास करने के बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गया था. पहली बार वर्ष 2019 में परीक्षा में शामिल हुए. लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई. इस बीच फिडजी कंपनी में नौकरी मिली, जिसे बाद में छोड़ तैयारी में जुटा रहा. दूसरी और तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा में 2021 एवं 2022 में शामिल हुआ. दोनों बार पीटी और मेंस की परीक्षा में सफल रहा. लेकिन एक बार फिर किस्मत दगा दे दिया और साक्षात्कार में विफल रहे. इसके बाद सौरभ निराश हो गया. इसके बाद लखनउ में ही नारायण कोचिंग संस्थान में गणित की लेक्चरर के रूप में काम करने लगा. तीसरी बार भी असफलता हासिल होने के बाद निराश सौरभ वर्ष 2023 में परीक्षा में भाग नहीं लिया. पिता प्रियव्रत बताते है कि तीसरी बार असफलता हासिल होने के बाद भी वह चुपके-चुपके तैयारी में जुटा रहा. परिवार के किसी सदस्यों को भनक नहीं लगने दी. करीब दो सालों से घर नहीं आया. इसके बाद दोपहर में फोन आया कि यूपीएससी की परीक्षा में 49 वां रैंक लाकर सफल रहा. इसके बाद खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बधाईयां और शुभकामनाएं देने वालें लोगों का तांता लगा रहा. परिवार के अन्य सदस्यों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाफ सौरभ की सफलता पर खुशी जाहिर किया.
—————
/ नीरज कुमार
You may also like
परिवार में किसी की मृत्यु के बाद मुंडन करने की प्रथा क्यों है? 99% लोग नहीं जानते इसकी वजह ι
बिहार में कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का तबादला, कई को सौंपे गए अतिरिक्त प्रभार
फरिश्ता बनकर आएंगे मंगलदेव, चमक जाएगी इन राशियों की किस्मत. खत्म होगा दुख, मिलेगा ढेर सारा धन ι
दिल्ली कैपिटल्स की जीत के बाद ऋषभ पंत ने बताई मयंक यादव की अनुपस्थिति की वजह
'मेरी बीवी और मेरा रोज झगड़ा होता है, इस समस्या का क्या हल है?' संत ने बताया उपाय ι