अक्सर लोग सांप का नाम सुनते ही डर जाते हैं। क्योंकि साँप एक जहरीला जानवर है। यदि साँप के काटने का तुरंत इलाज न किया जाए तो मृत्यु भी हो सकती है। अक्सर जब घर में सांप दिखाई देता है तो उस व्यक्ति को बुलाया जाता है जो सांप को ठीक से संभालना जानता हो। ऐसे लोगों को सर्प जगत में 'सर्पपुरुष' कहा जाता है। आज हम आपको बिहार के समस्तीपुर जिले में रहने वाले एक 'नाश्ताखोर' की कहानी बताने जा रहे हैं।
समस्तीपुर जिले के जय कुमार सहनी बिहार में 'स्नेकमैन' के नाम से प्रसिद्ध थे। वह जिले के ताजपुर के हरपुर वार्ड नंबर 3 का निवासी था। जय कुमार साहनी को सांपों का मसीहा कहा जाता था। कहा जाता है कि वह खतरनाक और जहरीले सांपों को नया जीवन देते थे। जय कुमार साहनी अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने हजारों साँपों को मौत से बचाया था। उन्होंने मनुष्यों को जहरीले साँपों के विष से दूर रखा। वह सांपों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर छोड़ देता था।
विषैले साँप के काटने से मौत
जय कुमार साहनी की गुरुवार को जहरीले सांप के काटने से मौत हो गई। दरअसल, उन्हें फोन पर सूचना मिली कि एक गांव में जहरीला सांप देखा गया है। इसके बाद जय कुमार साहनी मौके पर पहुंचे और तुरंत सांप को बचाने लगे, लेकिन इसी बीच एक जहरीले कोबरा सांप ने उनके अंगूठे पर डस लिया। इसके कारण उनकी हालत बिगड़ने लगी। इसके बाद लोग उसे तत्काल इलाज के लिए अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
जय बिना किसी पेशेवर प्रशिक्षण के साँप पकड़ रहा था।
कहा जा रहा है कि उनके शरीर में जहर फैलने के कारण उनकी मौत हुई। जय के परिवार में उनकी पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। जय के पिता शिवलंगन साहनी ने बताया कि मेरे बेटे को बचपन से ही जानवरों से बहुत लगाव था। आपको बता दें कि जय ने सांप पकड़ने का कोई पेशेवर प्रशिक्षण नहीं लिया था। वह बिना किसी प्रशिक्षण के यह काम कर रहा था। सोशल मीडिया पर उनके सांप पकड़ते हुए कई वीडियो भी हैं।
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