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नेपाल में आंदोलन का असर मुजफ्फरपुर के बाजारों पर, व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान

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नेपाल में हाल ही में हुए आंदोलन का सीधा असर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कपड़ा और लहठी बाजार पर देखने को मिला है। नेपाल को भेजे जाने वाले कपड़ा, चावल, गेहूं, हार्डवेयर, मक्का और लहठी के कारोबार में व्यापारियों का अनुमान है कि लगभग 150 से 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

व्यापारियों के अनुसार, नेपाल में आंदोलन और सड़क अवरुद्ध होने के कारण नियमित व्यापार प्रभावित हुआ है। खासकर त्योहारों के सीजन में नेपाल से व्यापारियों की कमी के कारण मुजफ्फरपुर के बाजारों में मंदी छा गई है। स्थानीय व्यापार संघ के प्रतिनिधियों ने बताया कि यह समय उनके लिए साल का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, लेकिन मौजूदा हालात ने व्यापार को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

कपड़ा व्यापारी राजेश कुमार ने कहा, “हमारी अधिकांश सामग्री नेपाल भेजी जाती है। पिछले कुछ हफ्तों से यातायात बाधित होने के कारण हमारी बिक्री रुक गई है। त्योहारों का सीजन होते हुए भी बाजार सुन्न पड़ा है और लाखों का नुकसान हुआ है।” वहीं, लहठी और हार्डवेयर व्यापारी भी इस मंदी से चिंतित हैं और उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि नेपाल के साथ व्यापार को सुचारु बनाने के लिए उपाय किए जाएं।

स्थानीय बाजार समितियों ने भी इस नुकसान का आंकलन किया है और कहा कि यदि नेपाल में हालात जल्दी सामान्य नहीं होते हैं, तो इस व्यापार पर और भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। व्यापारियों का कहना है कि केवल उत्पादन और बिक्री ही नहीं, बल्कि रोज़गार पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों का नेपाल के साथ व्यापार लंबे समय से स्थिर रहा है। इसलिए किसी भी अवरोध या बाधा से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। व्यापारियों की मांग है कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर नेपाल के साथ सीमा पर व्यापारिक सुविधाओं को सुरक्षित और सुचारु बनाने के लिए कदम उठाएं।

इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने भी व्यापारियों की चिंताओं को समझते हुए कहा है कि नेपाल में स्थिति सामान्य होते ही यातायात और व्यापारिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे।

मुजफ्फरपुर के बाजारों में व्यापारी अब आशा कर रहे हैं कि जल्द ही नेपाल में स्थिरता आए और उनके व्यापार को पहले जैसी गति मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि त्योहारों के अवसर पर बाजारों में व्यापार की बहाली उनके लिए अत्यंत आवश्यक है।

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