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पंजाब में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 21 हुई, विपक्ष ने सीएम भगवंत मान से इस्तीफे की कि मांग

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इंटरनेट डेस्क। पंजाब के अमृतसर जिले में अवैध शराब पीने से कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई है, जो पिछले पांच वर्षों में राज्य में तीसरी बड़ी जहरीली शराब त्रासदी है। अमृतसर के मजीठा उपमंडल के भंगाली, पातालपुरी, मरारी कलां और थेरेवाल गांवों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की खबर है। इससे पहले मंगलवार को भी कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और मामले में शामिल नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है तथा आबकारी एवं कराधान अधिकारी और जिले के पुलिस उपाधीक्षक सहित चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

ऑनलाइन थोक में खरीदा गया था मेथनॉल

पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि शराब तैयार करने के लिए मेथनॉल ऑनलाइन थोक में खरीदा गया था। X पर एक पोस्ट में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि जीठा के आसपास के गांवों में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत की दुखद खबर मिली है। निर्दोष लोगों के इन हत्यारों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। ये मौतें नहीं, बल्कि हत्याएं हैं। जहरीली शराब से लोगों के घरों में मातम का माहौल बनाने वाले इन दोषियों को कानून के मुताबिक सख्त सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव मदद करेगी।

सीएम भगवंत सिंह मान के इस्तीफे की मांग

विपक्ष ने सरकार पर शराब माफिया को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया पंजाब में शराब पीने से 21 लोगों की मौत के बाद विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर अवैध शराब के उत्पादन और शराब माफिया को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान और राज्य के आबकारी मंत्री हरपाल सिंह चीमा के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि तथाकथित युद्ध नशेयां दे विरोध अब कहां है? @AAPPunjab सरकार शराब माफिया को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल रही है। पंजाब सरकार पिछले 70 दिनों से नशा विरोधी अभियान - युद्ध नशेयां दे विरोध - चला रही थी।


PC : Yespunjabnews

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