इंटरनेट डेस्क। शारदीय नवरात्र मां दुर्गा की पूजा के लिए बहुत महत्व रखता है। जल्द ही शारदीय नवरात्र की शुरूआत होने वाली है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इन नौ दिनों में मां को उनके प्रिय भोग लगाने से वे प्रसन्न होती हैं। तो आइए देवी के दिव्य भोग के बारे में जानते है।
पहला दिन (मां शैलपुत्री) - इस दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा होती है। उन्हें गाय के घी का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
दूसरा दिन (मां ब्रह्मचारिणी) - मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री का भोग लगाया जाता है।
तीसरा दिन (मां चंद्रघंटा) - इस दिन मां चंद्रघंटा को खीर का भोग लगाया जाता हैं
चौथा दिन (मां कूष्मांडा) - मां कूष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाना चाहिए।
पांचवां दिन (मां स्कंदमाता) - मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है।
छठा दिन (मां कात्यायनी) - मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना चाहिए।
सातवां दिन (मां कालरात्रि) - इस दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है। उन्हें गुड़ या गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाएं।
आठवां दिन (मां महागौरी) - मां महागौरी को नारियल का भोग लगाना बहुत शुभ होता है। इससे संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
नौवां दिन (मां सिद्धिदात्री) - शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री को तिल का भोग लगाएं।
pc- jagran
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