उत्तर प्रदेश समाचार: योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा राज्य में सड़क और परिवहन ढांचे को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश अब सड़क नेटवर्क के मामले में देश के प्रमुख राज्यों में से एक माना जा रहा है। रिंग रोड के निर्माण से यातायात की सुगमता में वृद्धि होगी और शहर के भीतर ट्रैफिक का बोझ कम होगा। यह किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे वे विभिन्न बाजारों तक सीधे पहुंच सकेंगे।
परियोजना की प्रगति और समयसीमा
इस परियोजना के माध्यम से कानपुर की यातायात व्यवस्था में सुधार, आर्थिक विकास और शहरवासियों के जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद है। इनर रिंग रोड योजना के पहले दो चरणों का कार्य शीघ्र शुरू होने की संभावना है। इसके लिए अप्रैल में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ होने की उम्मीद है। इस परियोजना के लिए लगभग 35 गांवों से भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। रिंग रोड के पहले चरण में तीनों चरणों का निर्माण कार्य चल रहा है।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया
इनर रिंग रोड योजना के पहले दो चरणों का कार्य जल्द शुरू होने वाला है। इसके लिए अप्रैल में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। इस परियोजना के लिए लगभग 35 गांवों से भूमि अधिग्रहित की जानी है, जिसके लिए मुआवजे का अनुमान लगभग 500 करोड़ रुपये है।
पहले चरण का निर्माण कार्य
31.4 किलोमीटर लंबी सड़क का पहला चरण (तीन फेज) इनर रिंग रोड में बनाया जाएगा। 15 किलोमीटर का कार्य पहले ही पूरा हो चुका है, जबकि 16.4 किलोमीटर का अतिरिक्त कार्य शुरू होना है। पहले चरण में फूलपुर से करछना तक 23 किलोमीटर की सड़क, सात अंडरपास, दो रेलवे पुल और तीन पुल बनाए जाएंगे। इनमें से पहला पुल गंगापार के झूंसी और दूसरा यमुनापार के नैनी को जोड़ेगा।
वाहनों का दबाव कम करने की योजना
वाहनों का दबाव कम होगा
दोनों पुल सिक्सलेन होंगे, जिससे नए यमुना पुल और शास्त्री पुल पर वाहनों का दबाव कम होगा। इन पुलों का निर्माण मई और जून 2026 तक पूरा होने की योजना है। यमुना नदी पर बक्शी गांव में एक पुल का निर्माण भी महाकुंभ से पहले शुरू किया गया था। 15 किलोमीटर का कार्य अब तक पूरा हो चुका है, जिसमें एक रेलवे ओवर ब्रिज और चार अंडर पास शामिल हैं।
प्रयागराज इनर रिंग रोड का विकास
प्रयागराज इनर रिंग रोड का पहला चरण तीन चरणों में 30 किलोमीटर का कार्य करेगा। यह लवायन कला से शुरू होकर सहसो बाईपास के पास एनएच-2 से जुड़ेगा, और 45 गांवों से गुजरने वाली 29.466 किलोमीटर सड़क का निर्माण करेगा। पहले चरण के तीनों फेज, जिसमें 65 किलोमीटर की रिंग रोड का निर्माण शामिल है, लगभग 3100 करोड़ रुपये की लागत से होगा।
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