नई दिल्ली। बिहार में विपक्ष महागठबंधन के हाथ से भी एक सीट बिना चुनाव लड़े ही निकल गई। दरअसल सुगौली सीट से मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी की उम्मीदवार शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द हो गया है। चुनाव आयोग से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक फॉर्म में कुछ तकनीकी कमियों के चलते शशि भूषण का नॉमिनेशन खारिज हुआ है। सुगौली सीट पर दूसरे चरण में चुनाव होना है और दोनों ही चरणों के चुनाव के नामांकन की अंतिम तारीख पहले ही निकल चुकी है इसलिए अब इस सीट पर महागठबंधन का कोई प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पाएगा।
चुनाव आयोग के अनुसार सुगौली विधानसभा से कुल 10 उम्मीदवारों के नामांकन दर्ज हुए थे जिसमें से पांच लोगों का पर्चा तकनीकी वजह से रद्द कर दिया गया है। वीआईपी उम्मीदवार शशि भूषण सिंह के अलावा आम आदमी पार्टी के गयासुद्दीन सामनि, अपनी जनता पार्टी के उम्मीदवार सदरे आलम और दो निर्दलीय उम्मीदवारों प्रकाश चौधरी तथा कृष्ण मोहन झा का नॉमिनेशन कैंसिल हुआ है। वैसे शशि भूषण सिंह का पर्चा खारिज होने से इस सीट पर चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। अब यहां से एनडीए उम्मीदवार और जनसुराज पार्टी के बीच मुकाबला है। एनडीए की ओर से सुगौली सीट चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) के हिस्से में आई है।
चिराग पासवान ने यहां से राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि प्रशांत किशोर ने अपनी जन सुराज पार्टी से अजय झा को टिकट दी है। 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी उम्मीदवार के तौर पर शशि भूषण सिंह ने वीआईपी पार्टी के रामचंद्र सहनी को हराया था। वीआईपी उस चुनाव में एनडीए का हिस्सा थी। इससे पहले मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र से एनडीए के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की प्रत्याशी सीमा सिंह का भी नामांकन रद्द हो चुका है। इस प्रकार से एनडीए और महागठबंधन दोनों को ही बिना चुनाव लड़े एक एक सीट का नुकसान हो चुका है।
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