अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ युद्ध के कारण दुनिया में तनाव है। व्यापार पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा है। कुछ चीनी कंपनियां अमेरिकी टैरिफ से इतनी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं कि अब उन्हें अपने ऑर्डर समय पर पूरे करने और अपने अमेरिकी ग्राहकों को समय पर माल की आपूर्ति करने के लिए भारतीय निर्यातकों से संपर्क करना पड़ रहा है। चीनी कंपनियां कैंटन फेयर में भारतीय कंपनियों से संपर्क कर रही हैं।
अमेरिकी ग्राहकों को सामान आपूर्ति करने का दबाव
5 मई तक गुआंगज़ौ में चल रहे कैंटन फेयर में कई भारतीय कंपनियों से चीनी कंपनियों ने संपर्क किया है। ताकि वे अपने अमेरिकी ग्राहकों को सामान की आपूर्ति कर सकें। कैंटन फेयर विश्व का सबसे बड़ा व्यापार मेला है। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ के महानिदेशक अजय सहाय ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारतीय कंपनियां व्यापार मेले में सामान बेचने के बदले चीनी कंपनियों को कमीशन देंगी।
भारतीय निर्यातकों को मिल सकते हैं अधिक ऑर्डर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए 145 प्रतिशत टैरिफ से अमेरिका में चीनी आयात प्रभावित हुआ है। इसके विपरीत, भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामान पर वर्तमान में 10 प्रतिशत कर लगता है। जिसे जुलाई में बढ़ाकर 26 प्रतिशत कर दिया जाएगा। क्योंकि पारस्परिक टैरिफ पर ट्रम्प की 90-दिवसीय रोक जुलाई में समाप्त हो रही है। ट्रम्प के प्रथम कार्यकाल के दौरान टैरिफ के निशाने पर आए कई चीनी निर्यातकों ने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की ओर रुख कर लिया। इसके तहत वियतनाम में कारखाने बनाए जाते थे या फिर थाईलैंड जैसे देशों में माल भेजा जाता था और फिर वहां से अमेरिका को माल निर्यात किया जाता था। लेकिन अब वियतनाम जैसे देशों पर 46 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद भारतीय निर्यातकों को अधिक ऑर्डर मिलने की संभावना है।
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