ऑनलाइन पेमेंट की दुनिया की दिग्गज कंपनीPhonePeके लिए एक बहुत बड़ी और अच्छी ख़बर आई है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)नेPhonePeको'ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर' (Online Payment Aggregator)के तौर पर काम करने की फ़ाइनल मंज़ूरी दे दी है।यह मंज़ूरी ऐसे समय में मिली है जबPhonePeके शेयर बाज़ार (IPO)में आने की भी ज़ोरदार चर्चा है।क्या मतलब है इस मंज़ूरी का?सरल भाषा में समझें तो,अब तकPhonePeपेमेंट करने के लिए किसी पार्टनर बैंक पर निर्भर रहता था। लेकिन इस लाइसेंस के बाद, PhonePeएक पुल (Bridge)की तरह काम करेगा जो ग्राहकों और दुकानदारों (मरर्चेंट्स) को सीधे जोड़ेगा।अब कंपनी छोटे-बड़े ऑनलाइन व्यापारियों और ऑफ़लाइन दुकानदारों को सीधे अपनी पेमेंट सर्विस से जोड़ सकेगी और उनके लिए पेमेंट प्रक्रिया को और भी आसान और तेज़ बना देगी। इससे व्यापारियों का काम आसान होगा औरPhonePeका कंट्रोल भी बढ़ेगा।PhonePeने मारी बाज़ीPhonePeको यह लाइसेंस मिलना एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि पेमेंट एग्रीगेटर का लाइसेंस पाना आसान नहीं होता।RBIने इस मामले में बहुत सख़्ती बरती है।PhonePeके अलावाRazorpayऔरCashfreeजैसी कुछ ही कंपनियों को यह मंज़ूरी मिली है,जबकिGoogle Payजैसी बड़ी कंपनी की अर्ज़ी अभी भी अटकी हुई है।इस नई पावर के साथ, PhonePeअब पेमेंट की दुनिया में और भी मज़बूती से आगे बढ़ पाएगा,जिससे सीधे तौर पर करोड़ों दुकानदारों और यूज़र्स को फ़ायदा मिलेगा। यह क़दम भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और भी सरल और सुरक्षित बनाने में मदद करेगा।
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