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गुजरात में आईएसआई की साजिश बेनकाब, एटीएस ने अहमदाबाद से जासूस को दबोचा

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अहमदाबाद: गुजरात एटीएस ने भारत-पाकिस्तान कच्छ सीमा से देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने एक जासूस को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान सहदेव सिंह गोहिल के रूप में हुई है और प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारतीय वायु सेना से संबंधित गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान को मुहैया करा रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक गोहिल लंबे समय से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के संपर्क में था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें आगे की पूछताछ के लिए अहमदाबाद लाया गया तथा गहन जांच चल रही है।

जासूसी की लगातार हो रही घटनाओं के कारण सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

खुफिया सूत्रों के अनुसार आरोपी लगातार सीमावर्ती क्षेत्र से संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा था। यह पहली बार नहीं है जब गुजरात सीमा से इस तरह जासूसी करते हुए किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया हो। इससे पहले भी पोरबंदर इलाके में ऐसा ही एक जासूस पकड़ा गया था। इन लगातार हो रही घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों के बीच चिंता बढ़ा दी है। पिछले कुछ महीनों में देश भर में 12 से 13 जासूस गिरफ्तार किए गए हैं। यह खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार किये गये अधिकांश आरोपियों के संबंध पाकिस्तान की आईएसआई और अन्य खुफिया एजेंसियों से हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह पाकिस्तान के खुफिया नेटवर्क के पुनः सक्रिय होने का संकेत है।

व्हाट्सएप पर संपर्क करें; सिम कार्ड और नकद राशि भी दी गई

2023 के मध्य में, गोहिल ने व्हाट्सएप पर अदिति भारद्वाज से संपर्क किया। महिला ने गोहिल को कच्छ क्षेत्र में बीएसएफ और नौसेना के ठिकानों की जानकारी, फोटो और वीडियो भेजने के लिए राजी किया। इसके अलावा, 2025 की शुरुआत में गोहिल ने अपने आधार कार्ड की मदद से एक नया सिम कार्ड प्राप्त किया और भारद्वाज को दे दिया। इस माध्यम से संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तान भेजी जा रही थीं। एटीएस ने स्पष्ट किया है कि इस जासूसी के बदले गोहिल को एक मध्यस्थ के माध्यम से 40,000 रुपये नकद भी दिए गए थे।

तकनीकी निगरानी के तहत गिरफ्तार; फोरेंसिक जांच जारी

1 मई को एटीएस ने तकनीकी निगरानी और केंद्रीय एजेंसियों की मदद से गोहिल को हिरासत में लिया और बाद में औपचारिक गिरफ्तारी की। उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 61 (आपराधिक षड्यंत्र) और 148 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना या इसमें सहायता करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह पाया गया है कि एटीएस द्वारा जब्त मोबाइल फोन में कई फाइलें पहले ही डिलीट कर दी गई हैं, और मोबाइल को डेटा रिकवरी के लिए फोरेंसिक साइंस लैब में भेज दिया गया है।

 

क्या पाकिस्तान का जासूसी नेटवर्क फिर सक्रिय हो गया है?

पिछले कुछ महीनों में सीमावर्ती क्षेत्रों से कई जासूसों की गिरफ्तारी के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान भारत में अपने जासूसी नेटवर्क को फिर से सक्रिय करने की कोशिश कर रहा है। मामले की गहन जांच की जा रही है और एटीएस जल्द ही इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी।

 

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