News India Live, Digital Desk : आज 1 नवंबर है। यह तारीख भारत के कैलेंडर में सिर्फ एक और दिन नहीं है, बल्कि यह हमारे देश के संघीय ढांचे (federal structure) के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। यह वह तारीख है जब भारत के नक्शे पर एक साथ कई नए राज्यों ने जन्म लिया या अपने वर्तमान स्वरूप को प्राप्त किया। आज भारत के 9 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेश अपना स्थापना दिवस यानी 'जन्मदिन' मना रहे हैं।यह दिन हमें उस दौर की याद दिलाता है जब आजादी के बाद भारत को भाषाई और सांस्कृतिक आधार पर एक नई शक्ल दी जा रही थी। यह बंटवारे दर्दनाक भी थे और जरूरी भी, जिनमें सिर्फ जमीनें ही नहीं, बल्कि सचिवालय की कुर्सियां, खजाने और यहां तक कि कर्मचारियों की भावनाएं भी बंट गईं थीं।किन-किन राज्यों का है आज जन्मदिन?आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh): 1 नवंबर 1956 को भाषाई आधार पर बनने वाला यह पहला राज्य था, जिसे तेलुगु भाषियों के लिए मद्रास (अब तमिलनाडु) से अलग कर बनाया गया।केरल (Kerala): त्रावणकोर, कोचीन और मालाबार को मिलाकर मलयालम भाषियों के लिए इसी दिन केरल राज्य का गठन हुआ।कर्नाटक (Karnataka): मैसूर राज्य और आसपास के कन्नड़ भाषी क्षेत्रों को मिलाकर 1 नवंबर 1956 को कर्नाटक (तब मैसूर) का जन्म हुआ।मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh): मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल को मिलाकर भारत का 'हृदय' यानी मध्य प्रदेश अस्तित्व में आया।तमिलनाडु (Tamil Nadu): 1 नवंबर 1956 को मद्रास राज्य का गठन हुआ, जिसका नाम बाद में तमिलनाडु किया गया।फिर आया 1966 का बंटवारा:पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana): 'पंजाबी सूबा' आंदोलन के बाद, 1 नवंबर 1966 को भाषाई आधार पर पंजाब का एक और बड़ा बंटवारा हुआ। पंजाबी बोलने वालों के लिए पंजाब और हिंदी बोलने वालों के लिए हरियाणा नाम से एक नया राज्य बनाया गया। इसी दिन इनकी संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ ने भी केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जन्म लिया।और फिर साल 2000 में बने ये राज्य:छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh): 1 नवंबर 2000 को, आदिवासी संस्कृति और संसाधनों से भरपूर छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से अलग कर एक नए राज्य का दर्जा दिया गया।इसके अलावा, पुडुचेरी और लक्षद्वीप भी आज ही के दिन केंद्र शासित प्रदेश के रूप में स्थापित हुए थे।जब बंटी थीं मेजें और कुर्सियांराज्यों का यह पुनर्गठन सिर्फ नक्शे पर लकीरें खींचना नहीं था। यह एक बहुत ही जटिल और भावनात्मक प्रक्रिया थी। उदाहरण के लिए, जब पंजाब और हरियाणा अलग हुए, तो सचिवालय की हर एक चीज का बंटवारा हुआ। फाइलों से लेकर मेज-कुर्सियों तक, हर चीज को अनुपात में बांटा गया। कर्मचारी, जो सालों से एक साथ काम कर रहे थे, उन्हें चुनना था कि वे किस राज्य में जाना चाहते हैं। यह एक ऐसा बंटवारा था जिसने दिलों पर भी गहरी छाप छोड़ी।यह दिन हमें याद दिलाता है कि भारत की 'विविधता में एकता' का सफर कितना रोमांचक और चुनौतियों से भरा रहा है। यह इन सभी राज्यों की यात्रा, उनकी संस्कृति और उनके विकास को सलाम करने का दिन है।  
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