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Income Tax : क्या ITR नहीं भरने पर जाना पड़ सकता है जेल, जान लें इनकम टैक्स के नियम

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आय छिपाना और टैक्स चोरी: नियमों की जानकारी

आयकर रिटर्न (ITR) न भरना या जानबूझकर अपनी आय छिपाना कानूनी तौर पर टैक्स चोरी माना जाता है, जिसके तहत आयकर विभाग कड़ी कार्रवाई कर सकता है। हाल में हुए टैक्स नियमों के बदलावों के मद्देनजर सभी करदाताओं को इन नियमों की जानकारी होनी चाहिए।

समय पर जमा करें TDS

टीडीएस (TDS) जमा करने में किसी भी प्रकार की देरी कानूनी कार्रवाई का कारण बन सकती है। आयकर अधिनियम की धारा 276बी के तहत, TDS जमा करने में विलंब करने वाले व्यक्ति के खिलाफ विभाग कोर्ट में केस दर्ज कर सकता है। कोर्ट के आदेश के बाद टीडीएस के साथ ब्याज और जुर्माना भरना पड़ सकता है। अधिक गंभीर मामलों में जेल तक की सजा हो सकती है। इसलिए हमेशा टीडीएस समय पर जमा करें।

जानबूझकर टैक्स चोरी करने पर कार्रवाई

यदि कोई जानबूझकर अपनी इनकम छिपाता है और निर्धारित टैक्स जमा नहीं करता, तो यह अपराध माना जाता है। आयकर कानून की धारा 276सी के अनुसार, ऐसे मामलों में जुर्माने के साथ जेल की सजा भी हो सकती है। सरकार ऐसे नियम भी बना रही है ताकि लोगों को कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने से बचाया जा सके, लेकिन गंभीर अपराधों में कानूनी कार्रवाई होना तय है।

ITR न भरने या देरी करने के परिणाम

आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, यदि आप ITR समय पर नहीं भरते या देर से भरते हैं, तो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 276सीसी के तहत आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है। इसलिए ITR को निर्धारित समय सीमा के भीतर ही दाखिल करें, ताकि कानूनी दिक्कतों से बचा जा सके।

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