रियो डी जेनेरियो: ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में मंगलवार को नार्को टेरेरिज्म के खिलाफ भयानक रेड को अंजाम दिया गया है। ब्राजील के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी पुलिस कार्रवाई में कम से कम 64 लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों ने बताया है कि मारे गए लोगों में चार पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। यह कार्रवाई संगठित अपराध नेटवर्क के खिलाफ की गई थी, जिसमें पुलिस ने बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ और 42 राइफलें बरामद कीं हैं।
रियो डी जेनेरियो के गवर्नर क्लाउडियो कास्त्रो ने इसे "शहर के इतिहास का सबसे बड़ा ऑपरेशन" बताया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान पिछले एक साल से तैयार किया जा रहा था। इस ऑपरेशन में 2,500 से ज्यादा सैन्य और सिविल पुलिसकर्मी शामिल थे। कार्रवाई उस समय की गई जब अगले हफ्ते रियो में C40 वर्ल्ड मेयर्स क्लाइमेट समिट आयोजित होने जा रही है और ऐसे बड़े आयोजनों से पहले पुलिस छापे आम बात हैं।
ब्राजील में संगठित अपराध के खिलाफ भयानक रेड
रिपोर्ट के मुताबिक, यह ऑपरेशन रियो के अलेमाओ और पेनहा फवेला क्षेत्रों में चल रहे कोमांडो वर्मेल्हो नामक गिरोह की गतिविधियों को रोकने के लिए किया गया था। यह गिरोह ब्राजील का सबसे पुराना और खतरनाक आपराधिक संगठन है, जिसकी शुरुआत 1970 के दशक में जेलों में हुई थी। समय के साथ यह समूह नशे की तस्करी, वसूली और हिंसक अपराधों में शामिल एक ट्रांसनेशनल क्रिमिनल नेटवर्क बन चुका है। सरकारी बयान के मुताबिक, इस ग्रुप के विस्तार को रोकने के लिए ये कार्रवाई की गई है और 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारियों ने दावा किया कि गिरोह के सदस्यों ने पुलिस पर ड्रोन से हमला भी किया था। राज्य सरकार की तरफ से जारी एक वीडियो में एक ड्रोन को पुलिसकर्मियों की दिशा में प्रोजेक्टाइल छोड़ते हुए दिखाया गया है। गवर्नर कास्त्रो ने सोशल मीडिया पर कहा, "हम जिस खतरे का सामना कर रहे हैं, वह अब आम अपराध नहीं रहा, बल्कि यह नार्को-टेररिज्म है।" उन्होंने प्रभावित इलाकों के नागरिकों से घरों में रहने की अपील की हैं। हालांकि मानवाधिकार संगठनों ने ब्राजील सरकार की इस कार्रवाई की आलोचना की है।
रियो डी जेनेरियो के गवर्नर क्लाउडियो कास्त्रो ने इसे "शहर के इतिहास का सबसे बड़ा ऑपरेशन" बताया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान पिछले एक साल से तैयार किया जा रहा था। इस ऑपरेशन में 2,500 से ज्यादा सैन्य और सिविल पुलिसकर्मी शामिल थे। कार्रवाई उस समय की गई जब अगले हफ्ते रियो में C40 वर्ल्ड मेयर्स क्लाइमेट समिट आयोजित होने जा रही है और ऐसे बड़े आयोजनों से पहले पुलिस छापे आम बात हैं।
ब्राजील में संगठित अपराध के खिलाफ भयानक रेड
रिपोर्ट के मुताबिक, यह ऑपरेशन रियो के अलेमाओ और पेनहा फवेला क्षेत्रों में चल रहे कोमांडो वर्मेल्हो नामक गिरोह की गतिविधियों को रोकने के लिए किया गया था। यह गिरोह ब्राजील का सबसे पुराना और खतरनाक आपराधिक संगठन है, जिसकी शुरुआत 1970 के दशक में जेलों में हुई थी। समय के साथ यह समूह नशे की तस्करी, वसूली और हिंसक अपराधों में शामिल एक ट्रांसनेशनल क्रिमिनल नेटवर्क बन चुका है। सरकारी बयान के मुताबिक, इस ग्रुप के विस्तार को रोकने के लिए ये कार्रवाई की गई है और 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारियों ने दावा किया कि गिरोह के सदस्यों ने पुलिस पर ड्रोन से हमला भी किया था। राज्य सरकार की तरफ से जारी एक वीडियो में एक ड्रोन को पुलिसकर्मियों की दिशा में प्रोजेक्टाइल छोड़ते हुए दिखाया गया है। गवर्नर कास्त्रो ने सोशल मीडिया पर कहा, "हम जिस खतरे का सामना कर रहे हैं, वह अब आम अपराध नहीं रहा, बल्कि यह नार्को-टेररिज्म है।" उन्होंने प्रभावित इलाकों के नागरिकों से घरों में रहने की अपील की हैं। हालांकि मानवाधिकार संगठनों ने ब्राजील सरकार की इस कार्रवाई की आलोचना की है।
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