वॉशिंगटन: भारतीय मूल के अमेरिकी पत्रकार और जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट फरीद जकारिया ने भारत-अमेरिका के संबंधों में आई गिरावट पर बड़ा बयान दिया है। जकारिया ने कहा है कि जिस तरह का रुख ट्रंप प्रशासन के लिए रहा है, वो हैरान करने वाला है। ट्रंप प्रशासन की ओर से उठाए कदमों से लगता है कि वह भारत से संबंध सुधारने में कोई दिलचस्पी नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि भारत को मौजूदा वैश्विक व्यवस्था में नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वह चीन का विकल्प बन सकता है। इसके बावजूद ट्रंप की ओर से उठाए जा रहे कदम ऐसे हैं, जो भारत-अमेरिका संबंधों को खराब करते हैं।
फरीद जकारिया ने एक बातचीत में कहा, 'ऐसा लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप भारत को व्यवस्थित तरीके से परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका की ओर से भारतीय सामानों पर जो टैरिफ लगाए गए हैं, वो दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। चीजें सिर्फ आर्थिक स्तर तक भी सीमित नहीं हैं। ट्रंप के दूसरे कदम भी इसी तरह के हैं। भारत के प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान का पक्ष लेने में ट्रंप हद से ज्यादा आगे बढ़ गए हैं, वह खुलकर इस्लामाबाद की तारीफ कर रहे हैं। इन सबमें एक अजीब पहलू छिपा हुआ लगता है।'
चीन का विकल्प भारतफरीद जकारिया ने अमेरिका की ओर से भारत विरोधी कदम उठाए जाने पर हैरत जताते हुए कहा कि वॉशिंगटन को दिल्ली की जरूरत है। फरीद ने कहा, 'भारत दुनिया का एकमात्र देश है, जो चीन की जगह ले सकता है। अगर आप इलेक्ट्रॉनिक्स या दवाइयां बनाना चाहते हैं और इसके लिए चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहते तो सिर्फ भारत ही विकल्प बन सकता है। भारत में अपार संभावनाओं को देखते हुए उसको नंजरअंदाज करना अच्छा नहीं है।'
भारत-अमेरिका संबंधों में आई गिरावट पर विशेषज्ञ फरीद जकारिया पहले भी बोलते रहे हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि ट्रंप प्रशासन ने बीते कई वर्षों में अमेरिका-भारत के संबंधों में आए सुधारों को अपने फैसलों से नष्ट कर दिया है। ट्रंप ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ संबंध मजबूत करते हुए भारत पर टैरिफ लगाना ट्रंप 2.0 की सबसे बड़ी विदेश नीतिगत भूल है।
ट्रंप के निशाने पर भारतडोनाल्ड ट्रंप के इस साल जनवरी में सत्ता में आने के बाद वह जिन देशों पर सबसे ज्यादा आक्रामक रहे हैं, उनमें एक नाम भारत का है। ट्रंप ने भारत के खिलाफ भारी टैरिफ लगाए हैं। वहीं भारत-पाकिस्तान के सीजफायर पर बार-बार नई दिल्ली के रुख के खिलाफ बयान दिए हैं। रूस से तेल खरीद को लेकर भी ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने भारत के खिलाफ बेहद कड़ी भाषा का इस्तेमाल किया है।
फरीद जकारिया ने एक बातचीत में कहा, 'ऐसा लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप भारत को व्यवस्थित तरीके से परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका की ओर से भारतीय सामानों पर जो टैरिफ लगाए गए हैं, वो दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। चीजें सिर्फ आर्थिक स्तर तक भी सीमित नहीं हैं। ट्रंप के दूसरे कदम भी इसी तरह के हैं। भारत के प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान का पक्ष लेने में ट्रंप हद से ज्यादा आगे बढ़ गए हैं, वह खुलकर इस्लामाबाद की तारीफ कर रहे हैं। इन सबमें एक अजीब पहलू छिपा हुआ लगता है।'
चीन का विकल्प भारतफरीद जकारिया ने अमेरिका की ओर से भारत विरोधी कदम उठाए जाने पर हैरत जताते हुए कहा कि वॉशिंगटन को दिल्ली की जरूरत है। फरीद ने कहा, 'भारत दुनिया का एकमात्र देश है, जो चीन की जगह ले सकता है। अगर आप इलेक्ट्रॉनिक्स या दवाइयां बनाना चाहते हैं और इसके लिए चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहते तो सिर्फ भारत ही विकल्प बन सकता है। भारत में अपार संभावनाओं को देखते हुए उसको नंजरअंदाज करना अच्छा नहीं है।'
भारत-अमेरिका संबंधों में आई गिरावट पर विशेषज्ञ फरीद जकारिया पहले भी बोलते रहे हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि ट्रंप प्रशासन ने बीते कई वर्षों में अमेरिका-भारत के संबंधों में आए सुधारों को अपने फैसलों से नष्ट कर दिया है। ट्रंप ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ संबंध मजबूत करते हुए भारत पर टैरिफ लगाना ट्रंप 2.0 की सबसे बड़ी विदेश नीतिगत भूल है।
ट्रंप के निशाने पर भारतडोनाल्ड ट्रंप के इस साल जनवरी में सत्ता में आने के बाद वह जिन देशों पर सबसे ज्यादा आक्रामक रहे हैं, उनमें एक नाम भारत का है। ट्रंप ने भारत के खिलाफ भारी टैरिफ लगाए हैं। वहीं भारत-पाकिस्तान के सीजफायर पर बार-बार नई दिल्ली के रुख के खिलाफ बयान दिए हैं। रूस से तेल खरीद को लेकर भी ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने भारत के खिलाफ बेहद कड़ी भाषा का इस्तेमाल किया है।
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