लखनऊ: मान लीजिए आप कोई सड़क से सटी गैर-कृषि भूमि खरीदते हैं और सड़क से 100 मीटर दूर स्थित गैर-कृषि भूमि खरीदते हैं तो दोनों स्थिति में ही जमीन का सर्कल रेट अमूमन एक होता था। ऐसे में स्टांप ड्यूटी भी बराबर देनी पड़ती थी। अब जमीन का सर्कल रेट उसकी लोकेशन के आधार पर तय होगा। यानी सड़क के मुकाबले सड़क से थोड़ी दूर स्थित जमीन के दाम कम होंगे।
स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने पूरे प्रदेश में सर्किल रेट तय करने के एक मानक लागू कर दिए हैं। इससे प्रक्रिया पारदर्शी होगी और रेट जमीन की उपयोगिता के अनुसार तय होंगे।
दरअसल अब तक सर्किल रेट निर्धारित करने के लिए 14 श्रेणियां थी। इनकी व्याख्या भी जिले के स्तर पर अलग-अलग हो जाती थी। नई व्यवस्था में अब केवल 15 श्रेणियां होगी। जो यूनिवर्सल मानक तय किए गए है, सभी जिलों को उनको ही लागू करना होगा। इससे आम आदमी भी अपनी संपत्ति के मूल्य की गणना कर सकेगा। विभाग इसके लिए सॉफ्टवेयर भी तैयार कर रहा है। इसके जरिए जमीन का विवरण डालकर घर बैठे ही संपत्ति की कीमत जानी जा सकेगी।
जमीन की श्रेणियों के हिसाब से रेट
सर्किल रेट को व्यवहारिक बनाने के लिए कृषि, गैर कृषि और वाणिज्यिक भूखंडों के लिए अलग-अलग श्रेणी बनाई गई है। सड़क से सटे और सड़क से दूर स्थित भूखंडों के मूल्यांकन आवासीय, कमर्शल, होटल, अस्पताल, पेट्रोल पंप, सिनेमाहॉल, कोचिंग सेंटर आदि की अलग दरें होगी।
ये बदलाव किए गए
निर्माण की उम्र के आधार पर 20 से 50% तक डेप्रिसिएशन लागू होगा। आयु, प्रजाति, परिधि के आधार पर वृक्षों का भी मूल्यांकन होगा। एक ही आराजी नंबर में कृषि-गैर कृषि भूमि होने पर अलग-अलग दरे होगी।
10 पॉइंट जिनसे तय होंगे रेट
स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने पूरे प्रदेश में सर्किल रेट तय करने के एक मानक लागू कर दिए हैं। इससे प्रक्रिया पारदर्शी होगी और रेट जमीन की उपयोगिता के अनुसार तय होंगे।
दरअसल अब तक सर्किल रेट निर्धारित करने के लिए 14 श्रेणियां थी। इनकी व्याख्या भी जिले के स्तर पर अलग-अलग हो जाती थी। नई व्यवस्था में अब केवल 15 श्रेणियां होगी। जो यूनिवर्सल मानक तय किए गए है, सभी जिलों को उनको ही लागू करना होगा। इससे आम आदमी भी अपनी संपत्ति के मूल्य की गणना कर सकेगा। विभाग इसके लिए सॉफ्टवेयर भी तैयार कर रहा है। इसके जरिए जमीन का विवरण डालकर घर बैठे ही संपत्ति की कीमत जानी जा सकेगी।
जमीन की श्रेणियों के हिसाब से रेट
सर्किल रेट को व्यवहारिक बनाने के लिए कृषि, गैर कृषि और वाणिज्यिक भूखंडों के लिए अलग-अलग श्रेणी बनाई गई है। सड़क से सटे और सड़क से दूर स्थित भूखंडों के मूल्यांकन आवासीय, कमर्शल, होटल, अस्पताल, पेट्रोल पंप, सिनेमाहॉल, कोचिंग सेंटर आदि की अलग दरें होगी।
ये बदलाव किए गए
निर्माण की उम्र के आधार पर 20 से 50% तक डेप्रिसिएशन लागू होगा। आयु, प्रजाति, परिधि के आधार पर वृक्षों का भी मूल्यांकन होगा। एक ही आराजी नंबर में कृषि-गैर कृषि भूमि होने पर अलग-अलग दरे होगी।
10 पॉइंट जिनसे तय होंगे रेट
- एक से अधिक सड़क से सटे भूखंडो पर अधिक मूल्य वाली सड़क की दर +10% अतिरिक्त ।
- पार्क से सटे भूखंडों पर अधिक मूल्य वाली सड़क की दर +10% या 20% अतिरिक्त ।
- कमर्शल निर्माण की दरें 20% अधिक होगी।
- औद्योगिक निर्माण की दरें 20% कम होगी।
- हिसाब से 50 से 25% अंश के आधार पर निर्धारण।
- औद्योगिक भूमि की दरे गैर कृषि दर से 30% कम होगी।
- ईंट भट्ठा की भूमि दरे कृषि दर से 25% अधिक रहेंगी।
- बहुमंजिला फ्लैट का मूल्यांकन जमीन+निर्माण दर पर।
- क्लब, जिम, स्विमिंग पूल जैसी सुविधाओं के आधार पर भी रेट अलग
- चार मंजिला तक के भवन में फ्लोर के लिए स्पष्ट व्यवस्था
You may also like

प्रियंका चोपड़ा की मां 71 की उम्र में भी नहीं मानी, छोटी ड्रेस डाल विदेश में दिखाया जलवा, मधु को देख लोग दीवाने

मुसलमानों के कंधों पर सवार होकर कब तक बनते रहोगे सीएम, रजवी का अखिलेश से सवाल

40-50 दिन, छोटे-छोट बैच और किराए के दो कमरे... फरीदाबाद में मुजम्मिल ने कैसे पहुंचाया 2900 किलो विस्फोटक

इस देसी SUV की 50 पर्सेंट बढ़ गई सेल, पेट्रोल-डीजल और सीएनजी के साथ ही ईवी ऑप्शन में भी उपलब्ध

आतंकी हमले पर भारत को घेरना पड़ा महंगा! PAK PM शहबाज शरीफ को विदेश मंत्रालय का 'करारा जवाब'




