WhatsApp को टक्कर देने ख्वाब देखने वाला ऐप अरट्टई कुछ महीने तो खूब पॉपुलर रहा। इसने गूगल प्ले स्टोर पर भी टॉप रैंकिंग हासिल की थी। लेकिन टाइम के साथ इस ऐप का क्रेज फीका पड़ता जा रहा है। लोग इसे WhatsApp का बेहतर विकल्प नहीं समझ रहे, लिहाजा अब इसकी रैंकिंग गिरती जा रही है। इसे बनाने वाली कंपनी Zoho के लिए झटका ही है कि यह ऐप अब गूगल प्ले स्टोर की टॉप 100 ऐप्स की लिस्ट से बाहर हो गया है। महीने भर पहले तक यह ऐप बड़ी तेजी से आगे जा रहा था, लेकिन अब यह पिछड़ता जा रहा है।
2021 मे बना लेकिन लोकप्रियता इसी साल मिलीअरट्टई ऐप को श्रीधर वेम्बू की जोहो कंपनी ने बनाया है। यह 2021 की शुरुआत में पूरी तरह लॉन्च हुआ। शुरू में जोहो के कर्मचारियों और बेहद सीमित लोगों ने इसका इस्तेमाल किया। लेकिन इसी साल के सितंबर-अक्टूबर महीने में भारत सरकार के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अश्विनी वैष्णव ने इस ऐप को प्रमोट किया। इसे अमेरिकी कंपनियों के ऐप्स के मुकाबले में लाने की बातें होने लगी, लेकिन यह लोगों को उतना नहीं भाया।
क्यों गिरती जा रही अरट्टई की रैंकिंग?इसे बनाने वाली कंपनी जोहो इसे सुरक्षित और फीचर्स से भरा ऐप बताती थी, लेकिन यूजर्स इस बात से संतुष्ट नहीं हो पाए थे। इसके अलावा, एक बड़ा कारण यह भी है कि WhatsApp बहुत सालों से चल रहा है, इसके पास भारत में हर उम्र के यूजर्स हैं, जिनकी संख्या करोड़ों में है। अब उन्हें एकदम से WhatsApp से हटाकर Arattai पर नहीं लाया जा सकता है। अरट्टई ने भले अब एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन दिया है, लेकिन यूजर्स इसकी मांग बहुत पहले से कर रहे थे।
भारत में स्टोर होता है डेटाअरट्टई की कंपनी Zoho का पूरा जोर इसी पर था कि इसके यूजर्स का डेटा पूरी तरह भारत में स्टोर होता है। जबकि WhatsApp जो डेटा लेता है, वह विदेश में स्टोर होता है। इससे कंपनी ने यूजर्स को भरोसा दिलाने की कोशिश करते हुए यह समझाया कि अपने देश में डेटा ज्यादा सुरक्षित है। फिर भी ऐप मार्केट में सस्टेन नहीं कर पाया।
अरट्टई में और भी फीचर्स आ रहे Zoho के फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने हाल ही में अपडेट दिया था कि अरट्टई जोहो के दूसरे प्रोडक्ट्स से जुड़ेगा। यह जोहो पे से एड होगा, जिससे UPI पेमेंट की जा सकती है। हालांकि वेम्बू या उनकी कंपनी ने अरट्टई के टॉप 100 लिस्ट से बाहर होने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिया है
2021 मे बना लेकिन लोकप्रियता इसी साल मिलीअरट्टई ऐप को श्रीधर वेम्बू की जोहो कंपनी ने बनाया है। यह 2021 की शुरुआत में पूरी तरह लॉन्च हुआ। शुरू में जोहो के कर्मचारियों और बेहद सीमित लोगों ने इसका इस्तेमाल किया। लेकिन इसी साल के सितंबर-अक्टूबर महीने में भारत सरकार के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अश्विनी वैष्णव ने इस ऐप को प्रमोट किया। इसे अमेरिकी कंपनियों के ऐप्स के मुकाबले में लाने की बातें होने लगी, लेकिन यह लोगों को उतना नहीं भाया।
क्यों गिरती जा रही अरट्टई की रैंकिंग?इसे बनाने वाली कंपनी जोहो इसे सुरक्षित और फीचर्स से भरा ऐप बताती थी, लेकिन यूजर्स इस बात से संतुष्ट नहीं हो पाए थे। इसके अलावा, एक बड़ा कारण यह भी है कि WhatsApp बहुत सालों से चल रहा है, इसके पास भारत में हर उम्र के यूजर्स हैं, जिनकी संख्या करोड़ों में है। अब उन्हें एकदम से WhatsApp से हटाकर Arattai पर नहीं लाया जा सकता है। अरट्टई ने भले अब एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन दिया है, लेकिन यूजर्स इसकी मांग बहुत पहले से कर रहे थे।
भारत में स्टोर होता है डेटाअरट्टई की कंपनी Zoho का पूरा जोर इसी पर था कि इसके यूजर्स का डेटा पूरी तरह भारत में स्टोर होता है। जबकि WhatsApp जो डेटा लेता है, वह विदेश में स्टोर होता है। इससे कंपनी ने यूजर्स को भरोसा दिलाने की कोशिश करते हुए यह समझाया कि अपने देश में डेटा ज्यादा सुरक्षित है। फिर भी ऐप मार्केट में सस्टेन नहीं कर पाया।
अरट्टई में और भी फीचर्स आ रहे Zoho के फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने हाल ही में अपडेट दिया था कि अरट्टई जोहो के दूसरे प्रोडक्ट्स से जुड़ेगा। यह जोहो पे से एड होगा, जिससे UPI पेमेंट की जा सकती है। हालांकि वेम्बू या उनकी कंपनी ने अरट्टई के टॉप 100 लिस्ट से बाहर होने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिया है
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