नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने मंगलवार को एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में भारत को एशिया कप की विजेता ट्रॉफी प्रदान न किए जाने पर ‘कड़ा ऐतराज’ जताया, लेकिन एसीसी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी अपने रुख पर बरकरार हैं। भारत को रविवार को ट्रॉफी नहीं दी गई थी क्योंकि भारतीय टीम ने पाकिस्तान सरकार में मंत्री और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था।
इस एजीएम में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और पूर्व कोषाध्यक्ष आशीष शेलार ने किया। एशिया कप की ट्रॉफी एसीसी के कार्यालय में ही रखी हुई है और यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि इसे विजेता टीम के पास कब तक पहुंचाया जाएगा। मोहसिन नकवी ने इस मामले पर कोई तस्वीर साफ नहीं की। राजीव शुक्ला और आशीष शेलार मीटिंग से वॉक आउट कर गए। नकवी ट्रॉफी और मेडल वाले मामले में उनको संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
यह एसीसी की ट्रॉफी है किसी एक व्यक्ति की नहीं...
एसीसी के एक सूत्र ने बताया, ‘ट्रॉफी न सौंपे जाने और मैच के बाद पुरस्कार समारोह के दौरान एसीसी अध्यक्ष (नकवी) द्वारा किए गए कारनामों पर भारत ने आज की बैठक में कड़ा ऐतराज जताया।’ सूत्र ने आगे कहा, ‘शुक्ला ने स्पष्ट रूप से कहा कि ट्रॉफी विजेता टीम को सौंपी जानी चाहिए। यह एसीसी की ट्रॉफी है और किसी एक व्यक्ति की नहीं है।’ उन्होंने बताया कि नकवी हालांकि अब भी ट्रॉफी देने पर सहमत नहीं हुए हैं।
सूत्र ने कहा, ‘शुक्ला और शेलार ने स्पष्ट रूप से कहा कि ट्रॉफी विजेता टीम को सौंप दी जानी चाहिए। यह एसीसी की ट्रॉफी है और किसी एक व्यक्ति की नहीं है। नकवी ने इससे मना नहीं किया, लेकिन वह जिम्मेदारी टाल रहे थे।’ उन्होंने कहा, ‘नकवी इस बात पर अड़े रहे कि इस मामले पर एजीएम में चर्चा नहीं होनी चाहिए और इसे किसी और समय अलग से उठाया जाना चाहिए। बैठक का एकमात्र एजेंडा उपाध्यक्ष का चुनाव करना था, लेकिन उसे भी टाल दिया गया।’
मोहसिन नकवी को भारत की प्रशंसा करने पर होना पड़ा मजबूर
यह पता चला है कि नकवी ने एशिया कप जीतने के लिए बीसीसीआई सदस्यों को बधाई नहीं दी लेकिन शेलार द्वारा जोर दिए जाने पर उन्हें सूर्यकुमार यादव के नेतृत्व वाली अजेय टीम की औपचारिक रूप से प्रशंसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। सूत्र ने कहा, ‘‘जब बैठक शुरू हुई, तो अध्यक्ष (नकवी) ने अपनी संक्षिप्त शुरुआती टिप्पणी में वेस्टइंडीज के खिलाफ नेपाल को जीतने और एसीसी सदस्य बनने के लिए मंगोलिया को बधाई देकर अपनी बात समाप्त कर दी।’
उन्होंने कहा, ‘तभी शेलार ने यह सवाल उठाया कि ‘आप एशिया कप खिताब के लिए भारत को बधाई क्यों नहीं दे रहे हैं?’ उन्होंने नकवी को बधाई देने के लिए मजबूर किया और पीसीबी प्रमुख सहमत हुए और विधिवत बधाई दी।’ बीसीसीआई अब इस मामले को आईसीसी के पास ले जाएगा, जिसकी बैठक नवंबर में होनी है।
एसीसी ऑफिस में रखनी चाहिए ट्रॉफी और मेडल
सूत्र ने कहा, ‘शुक्ला और शेलार ने तर्क दिया कि एसीसी को ट्रॉफी कार्यालय में रखनी चाहिए और बीसीसीआई उसे वहां से एकत्र करवा लेगा। उन्होंने कहा, ‘हम वैध विजेता के रूप में ट्रॉफी चाहते हैं।' नकवी इसके लिए मना नहीं कर रहे थे, लेकिन साथ ही जिम्मेदारी भी टाल रहे थे।’ सूत्र ने कहा, ‘यह स्पष्ट कर दिया गया था कि बीसीसीआई आईसीसी से शिकायत करेगा और ौ।’
कार्टून जैसा महसूस कर रहे थे नकवी
सूत्र ने यह भी बताया कि नकवी ने कहा कि वह विजयी भारतीय टीम का मंच पर इंतजार करते समय ‘एक कार्टून जैसा’ महसूस कर रहे थे और शर्मिंदा थे। दोनों टीमों ने टूर्नामेंट में एक-दूसरे के खिलाफ तीन बार खेला और फाइनल सहित हर बार भारत जीता। इस आयोजन के दौरान भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ ‘हाथ न मिलाने की नीति’ अपनाई, जिससे पीसीबी नाराज हो गया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच शत्रुता चरम पर है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 26 भारतीय पर्यटकों को गोली मार दी थी। भारत ने इसके बाद सीमा पार आतंकी ढांचों को नष्ट करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सैन्य कार्रवाई शुरू की थी।
इस एजीएम में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और पूर्व कोषाध्यक्ष आशीष शेलार ने किया। एशिया कप की ट्रॉफी एसीसी के कार्यालय में ही रखी हुई है और यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि इसे विजेता टीम के पास कब तक पहुंचाया जाएगा। मोहसिन नकवी ने इस मामले पर कोई तस्वीर साफ नहीं की। राजीव शुक्ला और आशीष शेलार मीटिंग से वॉक आउट कर गए। नकवी ट्रॉफी और मेडल वाले मामले में उनको संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
यह एसीसी की ट्रॉफी है किसी एक व्यक्ति की नहीं...
एसीसी के एक सूत्र ने बताया, ‘ट्रॉफी न सौंपे जाने और मैच के बाद पुरस्कार समारोह के दौरान एसीसी अध्यक्ष (नकवी) द्वारा किए गए कारनामों पर भारत ने आज की बैठक में कड़ा ऐतराज जताया।’ सूत्र ने आगे कहा, ‘शुक्ला ने स्पष्ट रूप से कहा कि ट्रॉफी विजेता टीम को सौंपी जानी चाहिए। यह एसीसी की ट्रॉफी है और किसी एक व्यक्ति की नहीं है।’ उन्होंने बताया कि नकवी हालांकि अब भी ट्रॉफी देने पर सहमत नहीं हुए हैं।
सूत्र ने कहा, ‘शुक्ला और शेलार ने स्पष्ट रूप से कहा कि ट्रॉफी विजेता टीम को सौंप दी जानी चाहिए। यह एसीसी की ट्रॉफी है और किसी एक व्यक्ति की नहीं है। नकवी ने इससे मना नहीं किया, लेकिन वह जिम्मेदारी टाल रहे थे।’ उन्होंने कहा, ‘नकवी इस बात पर अड़े रहे कि इस मामले पर एजीएम में चर्चा नहीं होनी चाहिए और इसे किसी और समय अलग से उठाया जाना चाहिए। बैठक का एकमात्र एजेंडा उपाध्यक्ष का चुनाव करना था, लेकिन उसे भी टाल दिया गया।’
मोहसिन नकवी को भारत की प्रशंसा करने पर होना पड़ा मजबूर
यह पता चला है कि नकवी ने एशिया कप जीतने के लिए बीसीसीआई सदस्यों को बधाई नहीं दी लेकिन शेलार द्वारा जोर दिए जाने पर उन्हें सूर्यकुमार यादव के नेतृत्व वाली अजेय टीम की औपचारिक रूप से प्रशंसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। सूत्र ने कहा, ‘‘जब बैठक शुरू हुई, तो अध्यक्ष (नकवी) ने अपनी संक्षिप्त शुरुआती टिप्पणी में वेस्टइंडीज के खिलाफ नेपाल को जीतने और एसीसी सदस्य बनने के लिए मंगोलिया को बधाई देकर अपनी बात समाप्त कर दी।’
उन्होंने कहा, ‘तभी शेलार ने यह सवाल उठाया कि ‘आप एशिया कप खिताब के लिए भारत को बधाई क्यों नहीं दे रहे हैं?’ उन्होंने नकवी को बधाई देने के लिए मजबूर किया और पीसीबी प्रमुख सहमत हुए और विधिवत बधाई दी।’ बीसीसीआई अब इस मामले को आईसीसी के पास ले जाएगा, जिसकी बैठक नवंबर में होनी है।
एसीसी ऑफिस में रखनी चाहिए ट्रॉफी और मेडल
सूत्र ने कहा, ‘शुक्ला और शेलार ने तर्क दिया कि एसीसी को ट्रॉफी कार्यालय में रखनी चाहिए और बीसीसीआई उसे वहां से एकत्र करवा लेगा। उन्होंने कहा, ‘हम वैध विजेता के रूप में ट्रॉफी चाहते हैं।' नकवी इसके लिए मना नहीं कर रहे थे, लेकिन साथ ही जिम्मेदारी भी टाल रहे थे।’ सूत्र ने कहा, ‘यह स्पष्ट कर दिया गया था कि बीसीसीआई आईसीसी से शिकायत करेगा और ौ।’
कार्टून जैसा महसूस कर रहे थे नकवी
सूत्र ने यह भी बताया कि नकवी ने कहा कि वह विजयी भारतीय टीम का मंच पर इंतजार करते समय ‘एक कार्टून जैसा’ महसूस कर रहे थे और शर्मिंदा थे। दोनों टीमों ने टूर्नामेंट में एक-दूसरे के खिलाफ तीन बार खेला और फाइनल सहित हर बार भारत जीता। इस आयोजन के दौरान भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ ‘हाथ न मिलाने की नीति’ अपनाई, जिससे पीसीबी नाराज हो गया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच शत्रुता चरम पर है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 26 भारतीय पर्यटकों को गोली मार दी थी। भारत ने इसके बाद सीमा पार आतंकी ढांचों को नष्ट करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सैन्य कार्रवाई शुरू की थी।
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