फिरोजाबाद: दिवाली की शाम टूंडला के गांव दिनौली में रहने वालीं 42 साल की रंजना देवी ने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। एक दिन पहले ही उसने बेटे को दिवाली के तोहफे के रूप में बाइक दिलाई थी। रंजना देवी डेढ़ साल से अपने कथावाचक पति पवन कुमार से अलग रह रही थीं। वह गांव में 15 साल के बेटे सनी और 13 वर्षीय बेटी रानी के साथ रहती थीं। घटना के समय उन्होंने बच्चों को खाना और दूध लेने भेज दिया था।
यह घटना सोमवार शाम साढ़े छह बजे की है। बेटा सनी खाना लेकर घर वापस पहुंचा तो उसने अपनी मां रंजना को पंखे पर लटका हुआ पाया। सनी की चीख-पुकार सुनकर परिजन और ग्रामीण एकत्रित हो गए। सनी ने पुलिस को बताया कि उसके पिता पवन कुमार करीब डेढ़ वर्ष से घर नहीं आए हैं। रंजना देवी खेती करके परिवार का पालन-पोषण कर रही थी।
आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं: पुलिसपुलिस ने बताया कि महिला अपने बच्चों के साथ रह रही थी। अभी तक आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस को किसी भी पक्ष से कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बच्चों का रो-रोकर बुरा हालसनी ने बताया कि दिवाली से एक दिन पहले ही मां ने उसकी मांग पर बाइक दिलाई थी। उन्होंने उसे होटल से खाना लाने के लिए भेजा था। उसकी बहन को गांव में दूध लाने के लिए भेज दिया। घर में जब कोई नहीं था तो उन्होंने फांसी के फंदे से लटककर जान दे दी। मां की मौत के बाद दोनों बच्चों को रो- रोकर बुरा हाल है।
यह घटना सोमवार शाम साढ़े छह बजे की है। बेटा सनी खाना लेकर घर वापस पहुंचा तो उसने अपनी मां रंजना को पंखे पर लटका हुआ पाया। सनी की चीख-पुकार सुनकर परिजन और ग्रामीण एकत्रित हो गए। सनी ने पुलिस को बताया कि उसके पिता पवन कुमार करीब डेढ़ वर्ष से घर नहीं आए हैं। रंजना देवी खेती करके परिवार का पालन-पोषण कर रही थी।
आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं: पुलिसपुलिस ने बताया कि महिला अपने बच्चों के साथ रह रही थी। अभी तक आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस को किसी भी पक्ष से कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बच्चों का रो-रोकर बुरा हालसनी ने बताया कि दिवाली से एक दिन पहले ही मां ने उसकी मांग पर बाइक दिलाई थी। उन्होंने उसे होटल से खाना लाने के लिए भेजा था। उसकी बहन को गांव में दूध लाने के लिए भेज दिया। घर में जब कोई नहीं था तो उन्होंने फांसी के फंदे से लटककर जान दे दी। मां की मौत के बाद दोनों बच्चों को रो- रोकर बुरा हाल है।
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