ज्योति शर्मा, मथुरा: विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर को लेकर उपजे गहरे विवाद के बीच आगरा मंडल और मथुरा जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण पहल की। मण्डलायुक्त आगरा शैलेन्द्र सिंह, डीआईजी आगरा परिक्षेत्र शैलेश पांडेय, जिलाधिकारी सिपी सिंह और एसएसपी श्लोक कुमार ने गोस्वामी समुदाय के प्रतिष्ठित सदस्यों से सीधे वार्ता की। इस उच्च स्तरीय संवाद का मुख्य उद्देश्य वर्षों से चल रहे गतिरोध को खत्म करना और विकास की महत्वाकांक्षी योजना के साथ स्थानीय भावनाओं को जोड़ना था।
संवाद क्यों जरूरी?
प्रस्तावित कॉरिडोर योजना का गोस्वामी समाज सख्त विरोध कर रहा है। उनका तर्क है कि यह मंदिर उनकी निजी संपत्ति है और सरकार का हस्तक्षेप धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का उल्लंघन है। वे मंदिर के मूल स्वरूप और उनकी सेवायत परंपरा को बचाने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, प्रशासन का कहना है कि 5 एकड़ में बनने वाला यह कॉरिडोर, जिसमें पार्किंग और चौड़े रास्ते शामिल होंगे, लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है, विशेषकर भीड़भाड़ के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए। अधिकारियों की गोस्वामी समुदाय से वार्ता, सरकार की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि वह परियोजना को बलपूर्वक लागू करने के बजाय सह-अस्तित्व और आपसी सहमति के रास्ते आगे बढ़ाना चाहती है।
सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान
वार्ता के बाद शीर्ष अधिकारियों ने मंदिर परिसर का गहन पैदल भ्रमण किया। यह कदम, मंदिर की तंग गलियों और भारी भीड़ में सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को दूर करने पर प्रशासन के विशेष फोकस को दर्शाता है। भ्रमण के दौरान, भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन निकास मार्गों और संपूर्ण परिसर की संरचनात्मक सुरक्षा का बारीकी से निरीक्षण किया गया।
संवाद क्यों जरूरी?
प्रस्तावित कॉरिडोर योजना का गोस्वामी समाज सख्त विरोध कर रहा है। उनका तर्क है कि यह मंदिर उनकी निजी संपत्ति है और सरकार का हस्तक्षेप धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का उल्लंघन है। वे मंदिर के मूल स्वरूप और उनकी सेवायत परंपरा को बचाने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, प्रशासन का कहना है कि 5 एकड़ में बनने वाला यह कॉरिडोर, जिसमें पार्किंग और चौड़े रास्ते शामिल होंगे, लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है, विशेषकर भीड़भाड़ के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए। अधिकारियों की गोस्वामी समुदाय से वार्ता, सरकार की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि वह परियोजना को बलपूर्वक लागू करने के बजाय सह-अस्तित्व और आपसी सहमति के रास्ते आगे बढ़ाना चाहती है।
सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान
वार्ता के बाद शीर्ष अधिकारियों ने मंदिर परिसर का गहन पैदल भ्रमण किया। यह कदम, मंदिर की तंग गलियों और भारी भीड़ में सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को दूर करने पर प्रशासन के विशेष फोकस को दर्शाता है। भ्रमण के दौरान, भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन निकास मार्गों और संपूर्ण परिसर की संरचनात्मक सुरक्षा का बारीकी से निरीक्षण किया गया।
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