पटना: छठ 2025 से ठीक पहले मौसम में बदलाव के स्पष्ट संकेत दिखाई देने लगे हैं। सुबह के समय धुंध छाने लगी है, जिसका असर शहरी से लेकर ग्रामीण इलाकों तक देखा जा रहा है। धुंध के कारण दृश्यता काफी कम हो गई थी। नतीजतन, राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने वाले वाहन लाइट जलाकर चलते दिखे। मोटरसाइकिल चालकों को भी आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सुबह आठ बजे के बाद धीरे-धीरे कोहरा छँट गया। घरों के अंदर लोग अभी भी गर्मी के एहसास के कारण पंखे चलाकर सो रहे हैं। हालाँकि, सुबह बाहर निकलते ही लोगों को ठंड का एहसास हुआ।
बिहार का मौसम
सुबह की सैर पर निकले बुजुर्गों ने बताया कि धुंध के कारण उन्हें ठंड लग रही है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. ए. सत्तार ने बताया कि इस समय वातावरण में नमी की मात्रा काफी अधिक है। सुबह की धुंध रात में चल रही पूर्वी हवाओं के कारण है। उन्होंने बताया कि अगली सुबह जब भी रात में पूर्वी हवाएँ चलेंगी, तो ऐसी ही स्थिति रहेगी, और यह रुक-रुक कर होगा। डॉ. सत्तार ने यह भी बताया कि अब तापमान धीरे-धीरे कम होगा। शुक्रवार को दिन का अधिकतम तापमान 33.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक है। न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहा।
उत्तर बिहार का मौसम
उत्तर बिहार में अगले चार-पांच दिनों तक आसमान में बादल छाए रहने की संभावना है ( छठ पूजा अवधि को कवर करते हुए)। इस दौरान मौसम शुष्क रहेगा। अधिकतम तापमान 30-32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है, जबकि न्यूनतम तापमान 21-22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। पूर्वानुमान अवधि के दौरान, अगले एक-दो दिनों तक 2-3 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति से पश्चिमी हवाएं चलने और उसके बाद पूर्वी हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने किसानों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। शुष्क मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए, किसानों को सलाह दी जाती है कि वे धान की फसल की कटाई और मड़ाई को प्राथमिकता दें और पूरा करने का प्रयास करें।
फसलों की देखरेख
रबी की फसलों जैसे सरसों (राई), मसूर (मसूर), सूरजमुखी, लहसुन, शरदकालीन गन्ना, मटर और राजमा की बुवाई को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। किसानों को सब्जी वाली फसलों में आवश्यक निराई-गुड़ाई करनी चाहिए और कीटों व रोगों के लिए नियमित निरीक्षण करना चाहिए।
बिहार का मौसम
सुबह की सैर पर निकले बुजुर्गों ने बताया कि धुंध के कारण उन्हें ठंड लग रही है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. ए. सत्तार ने बताया कि इस समय वातावरण में नमी की मात्रा काफी अधिक है। सुबह की धुंध रात में चल रही पूर्वी हवाओं के कारण है। उन्होंने बताया कि अगली सुबह जब भी रात में पूर्वी हवाएँ चलेंगी, तो ऐसी ही स्थिति रहेगी, और यह रुक-रुक कर होगा। डॉ. सत्तार ने यह भी बताया कि अब तापमान धीरे-धीरे कम होगा। शुक्रवार को दिन का अधिकतम तापमान 33.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक है। न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहा।
उत्तर बिहार का मौसम
उत्तर बिहार में अगले चार-पांच दिनों तक आसमान में बादल छाए रहने की संभावना है ( छठ पूजा अवधि को कवर करते हुए)। इस दौरान मौसम शुष्क रहेगा। अधिकतम तापमान 30-32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है, जबकि न्यूनतम तापमान 21-22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। पूर्वानुमान अवधि के दौरान, अगले एक-दो दिनों तक 2-3 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति से पश्चिमी हवाएं चलने और उसके बाद पूर्वी हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने किसानों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। शुष्क मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए, किसानों को सलाह दी जाती है कि वे धान की फसल की कटाई और मड़ाई को प्राथमिकता दें और पूरा करने का प्रयास करें।
फसलों की देखरेख
रबी की फसलों जैसे सरसों (राई), मसूर (मसूर), सूरजमुखी, लहसुन, शरदकालीन गन्ना, मटर और राजमा की बुवाई को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। किसानों को सब्जी वाली फसलों में आवश्यक निराई-गुड़ाई करनी चाहिए और कीटों व रोगों के लिए नियमित निरीक्षण करना चाहिए।
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