संगरूर: पंजाब में संगरूर के उपली ग्राम पंचायत ने गांव में एनर्जी ड्रिंक्स पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। यह फैसला गांव के सरपंच जंगीर सिंह और 10 सदस्यों वाली पंचायत ने सर्वसम्मति से लिया। उन्होंने बताया कि गांव में काफी लोग नशीले पदार्थों को एनर्जी ड्रिंक्स में मिलाकर सेवन कर रहे थे। गांव के लोग इस बात से चिंतित थे। साथ ही, डॉक्टर भी बच्चों पर इन ड्रिंक्स के बुरे प्रभावों के बारे में चेतावनी दे रहे थे। गांववासियों की बढ़ती चिंता और डॉक्टरों की चेतावनी के बाद यह कदम उठाया गया। डॉक्टरों का कहना है कि एनर्जी ड्रिंक्स बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहे हैं और इनसे लत लगने का खतरा भी रहता है।
दुकानदारों ने दिया समर्थन
इस प्रतिबंध को गांव के सभी दुकानदारों ने समर्थन दिया है। पंचायत ने यह भी तय किया है कि अगर कोई इस नियम को तोड़ता है, तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। एनर्जी ड्रिंक्स के अलावा, पंचायत ने और भी कई अहम फैसले लिए हैं। अब गांव के मेडिकल स्टोर्स को बिना डॉक्टर के पर्चे के सिरिंज न बेचने का निर्देश दिया गया है। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पंचायत ने क्या कहा
पंचायत का मानना है कि ऐसे कदम गांव में नशे की बढ़ती समस्या पर रोक लगाने में मदद करेंगे। सरपंच कहा कि गांव के बच्चों और युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। यह प्रतिबंध उसी दिशा में उठाया गया कदम है। गांववासियों ने पंचायत के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे समाज सुधार की दिशा में एक मिसाल बताया है। संगरूर के उपली गांव की यह पहल अब अन्य पंचायतों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।
दुकानदारों ने दिया समर्थन
इस प्रतिबंध को गांव के सभी दुकानदारों ने समर्थन दिया है। पंचायत ने यह भी तय किया है कि अगर कोई इस नियम को तोड़ता है, तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। एनर्जी ड्रिंक्स के अलावा, पंचायत ने और भी कई अहम फैसले लिए हैं। अब गांव के मेडिकल स्टोर्स को बिना डॉक्टर के पर्चे के सिरिंज न बेचने का निर्देश दिया गया है। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पंचायत ने क्या कहा
पंचायत का मानना है कि ऐसे कदम गांव में नशे की बढ़ती समस्या पर रोक लगाने में मदद करेंगे। सरपंच कहा कि गांव के बच्चों और युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। यह प्रतिबंध उसी दिशा में उठाया गया कदम है। गांववासियों ने पंचायत के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे समाज सुधार की दिशा में एक मिसाल बताया है। संगरूर के उपली गांव की यह पहल अब अन्य पंचायतों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।
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