नई दिल्ली: टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vi) के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को कंपनी के 5,606 करोड़ रुपये के AGR बकाये पर फिर से विचार करने की इजाजत दे दी है। यह बकाया वित्त वर्ष 2016-17 का है। कोर्ट ने कहा कि यह मामला सरकार का नीतिगत फैसला है और वो इस पर दोबारा गौर कर सकती है। एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) टेलीकॉम कंपनियों की वो कमाई होती है, जिसके आधार पर सरकार उनसे लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम चार्ज वसूलती है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश वोडाफोन आइडिया की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कंपनी ने टेलीकॉम विभाग (DoT) की तरफ से की गई AGR की नई मांगों को चुनौती दी थी। कंपनी का कहना था कि ये नई मांगें गलत हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट अपने 2019 के फैसले में पहले ही कुल बकाये का हिसाब तय कर चुका है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की और से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि अब वोडाफोन आइडिया में सरकार की 49% हिस्सेदारी है और कंपनी की सेवाओं पर करीब 20 करोड़ ग्राहक निर्भर हैं।
कंपनी का शेयर
उन्होंने कहा कि इन हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार कंपनी की तरफ से उठाए गए मुद्दों पर फिर से विचार करने को तैयार है, जिससे ग्राहकों के हितों की रक्षा हो सके। वोडाफोन आइडिया ने उच्चतम न्यायालय के आए आदेश पर कहा कि वह दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर यह मुद्दा सुलझाने के लिए तत्पर है। कंपनी ने बीएसई को दी गई सूचना में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कहा, वह एक सकारात्मक घटनाक्रम है। कोर्ट ने सरकार को एजीआर से संबंधित मुद्दों पर कंपनी की शिकायतों पर विचार करने की अनुमति दी है। हम इस मामले को हल करने के लिए दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं।
सोमवार को कंपनी के शेयर में कारोबार के दौरान चार फीसदी का उछाल आया। बीएसई पर यह 3.85% तेजी के साथ 9.99 रुपये पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 52 हफ्ते के टॉप पर पहुंचा। इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप 1,08,234.69 करोड़ रुपये पहुंच चुका है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 10.57 रुपये और न्यूनतम स्तर 6.12 रुपये है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश वोडाफोन आइडिया की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कंपनी ने टेलीकॉम विभाग (DoT) की तरफ से की गई AGR की नई मांगों को चुनौती दी थी। कंपनी का कहना था कि ये नई मांगें गलत हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट अपने 2019 के फैसले में पहले ही कुल बकाये का हिसाब तय कर चुका है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की और से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि अब वोडाफोन आइडिया में सरकार की 49% हिस्सेदारी है और कंपनी की सेवाओं पर करीब 20 करोड़ ग्राहक निर्भर हैं।
कंपनी का शेयर
उन्होंने कहा कि इन हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार कंपनी की तरफ से उठाए गए मुद्दों पर फिर से विचार करने को तैयार है, जिससे ग्राहकों के हितों की रक्षा हो सके। वोडाफोन आइडिया ने उच्चतम न्यायालय के आए आदेश पर कहा कि वह दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर यह मुद्दा सुलझाने के लिए तत्पर है। कंपनी ने बीएसई को दी गई सूचना में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कहा, वह एक सकारात्मक घटनाक्रम है। कोर्ट ने सरकार को एजीआर से संबंधित मुद्दों पर कंपनी की शिकायतों पर विचार करने की अनुमति दी है। हम इस मामले को हल करने के लिए दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं।
सोमवार को कंपनी के शेयर में कारोबार के दौरान चार फीसदी का उछाल आया। बीएसई पर यह 3.85% तेजी के साथ 9.99 रुपये पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 52 हफ्ते के टॉप पर पहुंचा। इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप 1,08,234.69 करोड़ रुपये पहुंच चुका है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 10.57 रुपये और न्यूनतम स्तर 6.12 रुपये है।
You may also like

IND vs AUS Pitch Report: पहले T20 में बल्लेबाजों का होगा जलवा या गेंदबाजों की बोलेगी तूती? पढ़ें कैनबरा की पिच रिपोर्ट

राशिफल : 29 अक्टूबर 2025 — जानिए आज का आपका भाग्यफल और दिन कैसा रहेगा

0 नवंबर से पूरे प्रदेश में एक साथ शुरू होंगे हाफ ईयरली एग्जाम, शिक्षा निदेशालय ने जारी किया टाइम टेबल

20 नवंबर से शुरू होगी समान परीक्षा योजना, सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए मुफ्त — प्राइवेट स्कूलों में फीस देनी होगी

भाजपा जुमले तो नारी शक्ति वंदन जैसे देती है लेकिन असलियत इसके उलट है: Gehlot




