गुवाहाटी : असम के बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के चुनाव परिणामों में इस बार बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने शानदार वापसी की है। बीपीएफ ने 40 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। इसके साथ ही पार्टी ने प्रदेश की राजनीति में अपनी मज़बूत पकड़ एक बार फिर साबित कर दी। वहीं, बीजेपी जिसने इस बार 30 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, केवल 5 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी-लिबरल (UPPL), जो पिछली परिषद में बीजेपी के साथ सत्ता में थी, उसे केवल 7 सीटों पर संतोष करना पड़ा। इस तरह स्पष्ट है कि बीपीएफ ने दोनों क्षेत्रीय दलों को पीछे छोड़ते हुए प्रचंड बहुमत हासिल किया है।
कांग्रेस का नहीं खुला खाता
गौरतलब है कि बीपीएफ और यूपीपीएल दोनों ने ही 40 की 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। 2020 के चुनाव में बीपीएफ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन उसके पास केवल 17 सीटें थीं। उस समय बीजेपी-यूपीपीएल गठबंधन ने गाना सुरक्षा पार्टी के समर्थन से सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया था। उस दौरान कांग्रेस का एकमात्र सदस्य भी बीजेपी में शामिल हो गया था। इस बार कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला। पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। चुनाव के लिए मतदान 22 सितंबर को हुआ था और नतीजे शनिवार सुबह घोषित किए गए।
मोहिलारी की मुख्य कार्यकारी सदस्य बनने की पूरी संभावना
कभी बोडो लिबरेशन टाइगर्स नामक उग्रवादी संगठन का नेतृत्व कर चुके बीपीएफ के अध्यक्ष हग्रामा मोहिलारी की अब परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य बनने की पूरी संभावना है। उग्रवाद छोड़कर राजनीति में आए मोहिलारी लंबे समय से बोडोलैंड क्षेत्र में एक प्रमुख राजनीतिक चेहरा रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इस जीत पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मोहिलारी को हमारे सहयोगी बताते हुए इसे एनडीए की जीत करार दिया। सरमा ने कहा कि वह आज सुबह 4 बजे मेरे निवास पर आए और जीत के बाद आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर काम करेंगे। वह हमारे साथ रहेंगे।
कांग्रेस का नहीं खुला खाता
गौरतलब है कि बीपीएफ और यूपीपीएल दोनों ने ही 40 की 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। 2020 के चुनाव में बीपीएफ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन उसके पास केवल 17 सीटें थीं। उस समय बीजेपी-यूपीपीएल गठबंधन ने गाना सुरक्षा पार्टी के समर्थन से सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया था। उस दौरान कांग्रेस का एकमात्र सदस्य भी बीजेपी में शामिल हो गया था। इस बार कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला। पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। चुनाव के लिए मतदान 22 सितंबर को हुआ था और नतीजे शनिवार सुबह घोषित किए गए।
मोहिलारी की मुख्य कार्यकारी सदस्य बनने की पूरी संभावना
कभी बोडो लिबरेशन टाइगर्स नामक उग्रवादी संगठन का नेतृत्व कर चुके बीपीएफ के अध्यक्ष हग्रामा मोहिलारी की अब परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य बनने की पूरी संभावना है। उग्रवाद छोड़कर राजनीति में आए मोहिलारी लंबे समय से बोडोलैंड क्षेत्र में एक प्रमुख राजनीतिक चेहरा रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इस जीत पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मोहिलारी को हमारे सहयोगी बताते हुए इसे एनडीए की जीत करार दिया। सरमा ने कहा कि वह आज सुबह 4 बजे मेरे निवास पर आए और जीत के बाद आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर काम करेंगे। वह हमारे साथ रहेंगे।
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