लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूचियों में नाम जोड़ने, घटाने या संशोधन करने की अवधि खत्म हो चुकी है, पर अभी तक 2.14 करोड़ डुप्लीकेट मतदाताओं का सत्यापन ही नहीं हुआ है। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को 90 लाख 76 हजार 15 ऐसे मतदाता चिह्नित करके भेजे थे, जिनके नाम, पिता के नाम और लिंग समान थे। इन मतदाताओं के नाम दो-तीन बार सूची में थे, जिससे कुल डुप्लीकेट मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 27 लाख 33 हजार 769 निकली।
चुनाव आयोग ने इन्हीं डुप्लीकेट मतदाताओं का उनके आधार से मिलान करने के लिए ग्राम व ब्लॉक वार सूची जिलों को भेजी थी। साथ ही निर्देश दिए थे कि जिन मतदाताओं के नाम एक से ज्यादा गांवों में मिलें, उन्हें जांच की प्रक्रिया 90,76,015 वोटरों के नाम मिले हैं दो-तीन बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूचियों में पूरी करते हुए हटाया जाए। इसके लिए 30 सितंबर से 13 अक्टूबर तक का समय दिया गया था।
1,63,675 मतदाताओं के नाम सूचियों से हटाए गए
विधानसभा की मतदाता सूची से स्थानीय निकाय में 50 लाख ज्यादा वोटर आयोग के सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा-लोकसभा चुनाव की मतदाता सूचियों में जितने कुल वोटर हैं, स्थानीय निकायों (नगर व ग्राम) की मतदाता सूचियों में उससे करीब 50 लाख ज्यादा वोटर दर्ज हैं। अगर ढंग से सत्यापन हो जाए तो पंचायत चुनाव की सूचियों में इससे ज्यादा डुप्लीकेट और फर्जी वोट कटेंगे। स्थिति यह है कि एक ही मतदाता का नाम कई-कई ग्राम पंचायतों में हैं।
महज 13 लाख मतदाताओं का ही हुआ सत्यापन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2 करोड़ 27 लाख 33 हजार 769 डुप्लीकेट मतदाताओं में से अभी तक 13 लाख 28 हजार 419 मतदाताओं का ही अभी तक सत्यापन हो सका है। इनमें 11 लाख 64 हजार 744 मतदाता सत्यापित बताए गए हैं। जबकि, 1 लाख 63 हजार 675 मतदाताओं के नाम सूचियों से हटाए गए हैं। इस तरह से देखे हैं कि आयोग ने डुप्लीकेट मतदाताओं की जो सूची जिलों को भेजी थी, उसमें से 94 प्रतिशत मतदाताओं का जिला स्तर पर अभी तक सत्यापन ही नहीं किया गया। इसे आयोग के निर्देशों को गंभीरता से न लेना बताया जा रहा है।
चुनाव आयोग ने इन्हीं डुप्लीकेट मतदाताओं का उनके आधार से मिलान करने के लिए ग्राम व ब्लॉक वार सूची जिलों को भेजी थी। साथ ही निर्देश दिए थे कि जिन मतदाताओं के नाम एक से ज्यादा गांवों में मिलें, उन्हें जांच की प्रक्रिया 90,76,015 वोटरों के नाम मिले हैं दो-तीन बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूचियों में पूरी करते हुए हटाया जाए। इसके लिए 30 सितंबर से 13 अक्टूबर तक का समय दिया गया था।
1,63,675 मतदाताओं के नाम सूचियों से हटाए गए
विधानसभा की मतदाता सूची से स्थानीय निकाय में 50 लाख ज्यादा वोटर आयोग के सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा-लोकसभा चुनाव की मतदाता सूचियों में जितने कुल वोटर हैं, स्थानीय निकायों (नगर व ग्राम) की मतदाता सूचियों में उससे करीब 50 लाख ज्यादा वोटर दर्ज हैं। अगर ढंग से सत्यापन हो जाए तो पंचायत चुनाव की सूचियों में इससे ज्यादा डुप्लीकेट और फर्जी वोट कटेंगे। स्थिति यह है कि एक ही मतदाता का नाम कई-कई ग्राम पंचायतों में हैं।
महज 13 लाख मतदाताओं का ही हुआ सत्यापन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2 करोड़ 27 लाख 33 हजार 769 डुप्लीकेट मतदाताओं में से अभी तक 13 लाख 28 हजार 419 मतदाताओं का ही अभी तक सत्यापन हो सका है। इनमें 11 लाख 64 हजार 744 मतदाता सत्यापित बताए गए हैं। जबकि, 1 लाख 63 हजार 675 मतदाताओं के नाम सूचियों से हटाए गए हैं। इस तरह से देखे हैं कि आयोग ने डुप्लीकेट मतदाताओं की जो सूची जिलों को भेजी थी, उसमें से 94 प्रतिशत मतदाताओं का जिला स्तर पर अभी तक सत्यापन ही नहीं किया गया। इसे आयोग के निर्देशों को गंभीरता से न लेना बताया जा रहा है।
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