खैरागढ़ः छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान बड़ी सफलता मिली है। राज्य के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) जिले में 17 लाख रुपये की इनामी हार्डकोर महिला नक्सली ने एसपी लक्ष्य शर्मा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। नक्सली कमला सोड़ी ने मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया। पुलिस अधिकारियों ने सरेंडर के बारे में जानकारी दी है। नक्सली सरेंडर राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 सकारात्मक परिणाम दे रही है।
अधिकारियों ने बताया कि जिले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के माड़ डिवीजन, बस्तर एमएमसी (मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ जोन) से संबंधित नक्सली कमला सोड़ी उर्फ उंगी उर्फ तरूणा (30) ने केसीजी जिले के एसपी के सामने आत्मसमर्पण किया।
राज्य सरकार की नीतियों से हुई प्रभावित
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोड़ी ने छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 से प्रभावित होकर सरेंडर करने का फैसला किया। महिला नक्सली 12 घंटे तक पैदल चलकर बालाघाट से छत्तीसगढ़ के बकरकट्टा थाना पहुंचकर सरेंडर किया। महिला नक्सली नक्सल संगठन से जुड़कर मिलिट्री हार्डकोर सदस्य के रूप में काम करते हुए नक्सलियों की भर्ती, प्रचार और पुलिस बलों के हमले की योजना में लिप्त थी।
एमएमसी जोन में 14 साल तक सक्रिय सदस्य
अधिकारियों ने बताया कि सोड़ी सुकमा जिले के अरलमपल्ली गांव की निवासी है। वह 2011 से माओवादी संगठन से जुड़ी थी। करीब 14 सालों तक छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गोंदिया जिला) और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय रूप से नक्सली गतिविधियों में शामिल रही। वह माओवादी के माड़ डिवीजन, बस्तर एमएमसी जोन (एमपी-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) में सक्रिय सदस्य रही है।
महिला नक्सली पर था 17 लाख का इनाम
अधिकारियों ने कहा कि कमला संगठन की सक्रिय सदस्य होने के साथ-साथ एमएमसी जोन प्रभारी रामदर की टीम की प्रमुख सदस्य के रूप में कार्यरत थी। महिला नक्सली और मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पुलिस ने उस पर कुल 17 लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
मुख्यधारा में लौटने पर मिली ये सुविधाएं
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोड़ी को छत्तीसगढ़ सरकार की ' नक्सलवाद उन्मूलन नीति' के अंतर्गत 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि तत्काल प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त, सरकार की पुनर्वास नीति-2025 के तहत अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राजनांदगांव आईजी अभिषेक शांडिल्य ने बताया कि कमला ने लगभग 12 घंटे की पैदल यात्रा कर खैरागढ़ पहुंचकर आत्मसमर्पण किया है। पूछताछ के दौरान पुलिस को कई अहम नक्सली जानकारी भी मिला है। इसका सुरक्षा कारणों से पुलिस ने अभी खुलासा नहीं किया है।
अधिकारियों ने बताया कि जिले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के माड़ डिवीजन, बस्तर एमएमसी (मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ जोन) से संबंधित नक्सली कमला सोड़ी उर्फ उंगी उर्फ तरूणा (30) ने केसीजी जिले के एसपी के सामने आत्मसमर्पण किया।
राज्य सरकार की नीतियों से हुई प्रभावित
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोड़ी ने छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 से प्रभावित होकर सरेंडर करने का फैसला किया। महिला नक्सली 12 घंटे तक पैदल चलकर बालाघाट से छत्तीसगढ़ के बकरकट्टा थाना पहुंचकर सरेंडर किया। महिला नक्सली नक्सल संगठन से जुड़कर मिलिट्री हार्डकोर सदस्य के रूप में काम करते हुए नक्सलियों की भर्ती, प्रचार और पुलिस बलों के हमले की योजना में लिप्त थी।
एमएमसी जोन में 14 साल तक सक्रिय सदस्य
अधिकारियों ने बताया कि सोड़ी सुकमा जिले के अरलमपल्ली गांव की निवासी है। वह 2011 से माओवादी संगठन से जुड़ी थी। करीब 14 सालों तक छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गोंदिया जिला) और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय रूप से नक्सली गतिविधियों में शामिल रही। वह माओवादी के माड़ डिवीजन, बस्तर एमएमसी जोन (एमपी-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) में सक्रिय सदस्य रही है।
महिला नक्सली पर था 17 लाख का इनाम
अधिकारियों ने कहा कि कमला संगठन की सक्रिय सदस्य होने के साथ-साथ एमएमसी जोन प्रभारी रामदर की टीम की प्रमुख सदस्य के रूप में कार्यरत थी। महिला नक्सली और मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पुलिस ने उस पर कुल 17 लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
मुख्यधारा में लौटने पर मिली ये सुविधाएं
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोड़ी को छत्तीसगढ़ सरकार की ' नक्सलवाद उन्मूलन नीति' के अंतर्गत 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि तत्काल प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त, सरकार की पुनर्वास नीति-2025 के तहत अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राजनांदगांव आईजी अभिषेक शांडिल्य ने बताया कि कमला ने लगभग 12 घंटे की पैदल यात्रा कर खैरागढ़ पहुंचकर आत्मसमर्पण किया है। पूछताछ के दौरान पुलिस को कई अहम नक्सली जानकारी भी मिला है। इसका सुरक्षा कारणों से पुलिस ने अभी खुलासा नहीं किया है।
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