नई दिल्लीः जेंट्री थॉमस बीच कौन है? ये सवाल ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान को लेकर दिए गए चौंकाने वाले संतुलित बयान के बाद जोर पकड़ रहा है। इसके जरिए अब ट्रंप परिवार के पाकिस्तान की 'डीप स्टेट' से रिश्तों पर भी सवाल उठने लगे हैं।बीच टेक्सास के एक इन्वेस्टर है और डॉनल्ड ट्रंप जूनियर के कॉलेज फ्रेंड भी। खबर है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद, शुरुआत से ही बीच पाकिस्तान, तुर्किये और बांग्लादेश जैसे देशों के साथ करीबियों शामिल रहे। पहली चौंकाने वाली बात ये है कि बीच पाकिस्तान पहुंचे, वो भी ट्रंप के शपथ लेने के 10 दिन के अंदर। 30 जनवरी को वो इस्लामाबाद में थे। खुद को 'ट्रंप का करीबी' बताते हुए उन्होंने वहां संभावित निवेशकों की एक टीम के साथ एंट्री ली। ये टीम वाइट ब्रिज ग्लोबल नाम की कंपनी के बैनर तले आई थी। पाकिस्तानी मीडिया का चौंकाने वाला दावापाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, बीच ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मुलाकात की और कहा, अमेरिका को पाकिस्तान की फिक्र है। आप इस पूरे क्षेत्र में हमारे फ्रंट फेस है, बहुत अहम है। उन्होंने कराची और इस्लामाबाद की सूरत बदलने के लिए अरबों डॉलर के निवेश का वादा किया। उनकी अगली चाल और भी दिलचस्प थी। और वो चाल थी पाकिस्तान की कंपनी एपेक्स एनर्जी से एक डील साइन करना। इस डील का मकसद था, सिंधु नदी के किनारे मिले 'प्लेसर गोल्ड' के भंडार को खोजना और विकसित करना।स्थानीय रिपोर्टी के मुताबिक, इस सोने की अनुमानित कीमत 50 ट्रिलियन डॉलर बताई जा रही है। संयोग से, कुछ महीने पहले, पाकिस्तान की नेशनल इंजिनियरिंग सर्विसेज ने दावा किया था कि उन्होंने अटक में सिंधु नदी के पास 80,000 करोड़ रुपये मूल्य का एक विशाल प्लेसर गोल्ड ब्लॉक पाया है। समझिए क्या है मंशादरअसल, यह सोना हिमालय से बहकर आया हुआ माना जा रहा है, जो सिंधु नदी के तलछटों में मिला है। प्लेसर माइनिंग एक ऐसी तकनीक है जिससे नदी के के तलछट से से सोना निकाला जाता है। बीच की इस दो दिन की यात्रा में एक और अहम बात हुई। पाकिस्तान ने अमेरिका के डिफेंस डिपार्टमेंट के ट्रस्टेड पार्टनर प्रोग्राम में शामिल होने के लिए कुछ अहम खनिजों की संयुक्त खुदाई की पेशकश भी की। यह दौरा पाकिस्तान स्पेशल इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन काउंसिल (SIFC) की मदद से हुआ, जो 2023 में बनाई गई थी। इसका नेतृत्व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कर रहे हैं. लेकिन इसकी सर्वोच्च समिति में फौज के प्रमुख जनरल असीम मुनीर भी शामिल है। इसके नेशनल कोऑर्डिनेटर और डायरेक्टर जनरल दोनों फौजी अफसर हैं। बीच ने पाकिस्तान में इतना भरोसे से ट्रंप का नाम लिया कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि अमेरिकी दूत रिचर्ड ग्रेनेल, जिन्होंने इमरान खान का समर्थन किया था, शायद उन्हें पाकिस्तान की सही तस्वीर नहीं दिखाई गई। इस्लामाबाद के बाद ढाका पहुंचे, और फिर...इस्लामाबाद के बाद बीच बांग्लादेश में ढाका पहुंचे। वहां उन्होंने बांग्लादेश के चीफ अडवाइजर मोहम्मद यूनुस, जमात-ए-इस्लामी के नेताओं और बाग्लादेश इन्वेस्टमेंट डिवेलपमेंट अथॉरिटी के अफसरों से मुलाकात की। वहां उन्होंने अपनी दूसरी कंपनी हाईग्राउंड होल्डिंग्स के जरिए ऊर्जा और खनिज क्षेत्रों में निवेश की इच्छा जताई। मंगलवार को बीच की कपनी वाइट ब्रिज ग्लोबल ने दुर्किये की कपनी टेरा होल्डिग्स के साथ दुबई में फिफ्टी-फिफ्टी साझेदारी में एक और बड़ी डील साइन की। इससे भारत के लिए चिंताजनक एक नई त्रिकोणीय धुरी बन गई है- तुर्किये, पाकिस्तान और नया बांग्लादेशी शासन। बीच की यात्रा और ट्रंप से रिश्ते पर उठे सवालबीच और ट्रंप जूनियर की दोस्ती वॉर्टन बिजनेस स्कूल, यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया से है, जहां वे 1990 के दशक में साथ थे। हाल ही में दोनों एक दशक पुराने मुकचने के कारण सुर्खियों में आए। इस मुरूदने में बीच और उनकी पूर्ण कंपनी टूरकजी कंसल्टेंट्स शामिल थे। केस में कुछ ईमिल सामने आए, जिसमें बीच और ट्रंप जूनियर के बीव नस्लीय टिप्पणियां थे। अब बीव की पूरी यात्रा और रिश्तों की टाइमिन पर सवाल उठने लाजमी है। खासतौर पर ट्रंप के ऑपरेशन सिंदूर पर दिए गए बयान के संदर्भ में और उस क्रिप्टो डील के मादेनागर, जो हाल ही में ट्रंप से जुड़ी वर्ल्ड लिबर्टी फाड़नेशल और पाकिस्तान करें नई क्रिप्टो काउंसिल के बीच हुई। इस दौरान, वाइट ब्रिज पाकिस्तान नाग से एक वेब पेज लॉन्च किया गया है। इस पर लिखा है- लॉन्चिग जल्द ।
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