कानपुर देहात: यूपी का कानपुर देहात जिला वर्तमान बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी के बीच तीखे बहस को लेकर चर्चा में है। अवैध खनन, फैक्ट्री की जांच और व्यक्तिगत आरोपों के चलते एक ही पार्टी के इन दो नेताओं के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गई। दिशा बैठक के दौरान मौजूद डीएम कपिल सिंह और एसपी श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने सर-सर कहते हुए किसी तरह दोनों को शांत कराया। मामला सत्ताधारी दल के दो बड़े नेताओं का होने के कारण यहां मौजूद अफसर केवल मूकदर्शक बन खड़े रहे। देवेंद्र सिंह भोले और अनिल शुक्ला वारसी के बीच का टशन कोई नया नहीं है। इस घटना के बाद जहां कानपुर देहात में जातिवाद की राजनीति तेज हो गई, वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी जमकर मजे लिए हैं।
पूर्व बीजेपी सांसद अनिल शुक्ला वारसी की पत्नी प्रतिभा शुक्ला यूपी सरकार में राज्यमंत्री हैं। इस साल 24 जुलाई को अकबरपुर नगर पंचायत के एक सभासद ने प्रतिभा शुक्ला के समर्थक पर मारपीट का आरोप लगाया था। इस मामले में अकबरपुर कोतवाल पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए प्रतिभा शुक्ला धरने पर बैठ गई थीं। काफी हंगामा हुआ था। उस समय भी उनके पति अनिल शुक्ला वारसी ने अकबरपुर नगर पंचायत अध्यक्ष और सांसद देवेंद्र सिंह भोले को घेरा था। तभी से यह मामला गरमाया हुआ था। मंगलवार को दिशा बैठक के दौरान इसने एक बार फिर तूल पकड़ लिया।
'ये मामला अब अमित शाह और जेपी नड्डा के सामने उठेगा'दिशा बैठक में सांसद और पूर्व सांसद अपने समर्थकों के साथ आमने-सामने थे। देवेंद्र सिंह ने कहा कि जुलाई की घटना को लेकर अनिल सिंह वारसी ने उनको फोन किया था। इस पर वारसी ने बताया कि फोन इसलिए किया था ताकि चीजें ज्यादा आगे न बढ़ें। जहां तक हो गई वहां तक काफी था। वारसी का दावा है कि सांसद ने उनसे कहा कि ये मामला अब अमित शाह और जेपी नड्डा के सामने उठेगा। इसी बात को लेकर देवेंद्र सिंह और वारसी में तीखी बहस होने लगी। पूर्व सांसद बार-बार अपना जनेऊ निकालकर दिखाते रहे। देवेंद्र सिंह ने पूर्व सांसद को बैठक से बाहर निकालने की बात कर दी, इस पर मामला बहुत ज्यादा आगे बढ़ गया।
'मैं कानपुर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर हूं' सांसद देवेंद्र सिंह खुद को गुंडा कहने पर बुरी तरह भड़क गए। उन्होंने कहा कि मुझसे बड़ा गुंडा कोई नहीं है। मैं कानपुर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर हूं। पुलिस के पास कागज और कलम होती है, उसने मेरे खिलाफ कई मुकदमे लिखे। सारे गलत थे इसलिए खत्म हो गए। वहीं, देवेंद्र सिंह के समर्थकों का उग्र रूप देखते हुए पूर्व सांसद वारसी यह भी कहते नजर आए- 'मुझे मारोगे क्या। मार डालोगे क्या?'
अखिलेश बोले- पूर्व के हाथ में कटोरा, वर्तमान के हिस्से मलाई हैदोनों नेताओं के बीच विवाद के चलते दिशा बैठक को स्थगित करना पड़ गया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस विवाद का वीडियो अपने X हैंडल पर शेयर करते हुए बीजेपी पर तंज कसा है। उन्होंने लिखा है- 'पूर्व के हाथ में कटोरा, वर्तमान के हिस्से मलाई है। ये झगड़ा और कुछ नहीं बस बंटवारे की लड़ाई है। भाजपा जाए तो विकास आए।' सपा मीडिया सेल ने भी सोशल मीडिया पर जमकर निशाना साधा है। उसने लिखा है- भाजपा का चाल, चरित्र, चेहरा और संस्कार यही है। एक मुख्य मंचों से बिहार में दिखला रहे हैं और उन मुख्य के जूनियर यहां यूपी में प्रदर्शन कर रहे हैं। यही जूतम पैजार, लात घूंसे, मां बहन की गालियां ही असली भाजपाई संस्कार हैं।
लगातार तीसरी बार बीजेपी से सांसद हैं भोलेआपको बता दें कि देवेंद्र सिंह भोले अकबरपुर लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार सांसद हैं। पहली बार बीजेपी ने 2014 में उनको टिकट दिया था। इसके बाद 2019 और 2024 में भी उनके ऊपर हाईकमान ने विश्वास जताया। भोले की लंबी राजनीतिक यात्रा है। पार्टी वोट बैंक के अलावा उनकी पकड़ अन्य बिरादरी में भी है। अकबरपुर लोकसभा सीट में अकबरपुर रनियां, कानपुर की बिठूर, महराजपुर, कल्याणपुर और घाटमपुर विधानसभा सीटें जुड़ी हैं।
वारसी 2007 उपचुनाव में बने थे बसपा सांसदवहीं, अनिल शुक्ला वारसी 2007 में बिल्हौर उपचुनाव में बसपा के टिकट से सांसद चुने गए थे। 2014 में वह बसपा की तरफ से अकबरपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले से हार गए। 2015 में बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। वे सपा के सदस्य भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी प्रतिभा शुक्ला 2017 में पहली बार अकबरपुर रनियां से बीजेपी विधायक बनी थीं। 2022 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में उनको राज्यमंत्री बनाया है।
पूर्व बीजेपी सांसद अनिल शुक्ला वारसी की पत्नी प्रतिभा शुक्ला यूपी सरकार में राज्यमंत्री हैं। इस साल 24 जुलाई को अकबरपुर नगर पंचायत के एक सभासद ने प्रतिभा शुक्ला के समर्थक पर मारपीट का आरोप लगाया था। इस मामले में अकबरपुर कोतवाल पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए प्रतिभा शुक्ला धरने पर बैठ गई थीं। काफी हंगामा हुआ था। उस समय भी उनके पति अनिल शुक्ला वारसी ने अकबरपुर नगर पंचायत अध्यक्ष और सांसद देवेंद्र सिंह भोले को घेरा था। तभी से यह मामला गरमाया हुआ था। मंगलवार को दिशा बैठक के दौरान इसने एक बार फिर तूल पकड़ लिया।
'ये मामला अब अमित शाह और जेपी नड्डा के सामने उठेगा'दिशा बैठक में सांसद और पूर्व सांसद अपने समर्थकों के साथ आमने-सामने थे। देवेंद्र सिंह ने कहा कि जुलाई की घटना को लेकर अनिल सिंह वारसी ने उनको फोन किया था। इस पर वारसी ने बताया कि फोन इसलिए किया था ताकि चीजें ज्यादा आगे न बढ़ें। जहां तक हो गई वहां तक काफी था। वारसी का दावा है कि सांसद ने उनसे कहा कि ये मामला अब अमित शाह और जेपी नड्डा के सामने उठेगा। इसी बात को लेकर देवेंद्र सिंह और वारसी में तीखी बहस होने लगी। पूर्व सांसद बार-बार अपना जनेऊ निकालकर दिखाते रहे। देवेंद्र सिंह ने पूर्व सांसद को बैठक से बाहर निकालने की बात कर दी, इस पर मामला बहुत ज्यादा आगे बढ़ गया।
'मैं कानपुर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर हूं' सांसद देवेंद्र सिंह खुद को गुंडा कहने पर बुरी तरह भड़क गए। उन्होंने कहा कि मुझसे बड़ा गुंडा कोई नहीं है। मैं कानपुर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर हूं। पुलिस के पास कागज और कलम होती है, उसने मेरे खिलाफ कई मुकदमे लिखे। सारे गलत थे इसलिए खत्म हो गए। वहीं, देवेंद्र सिंह के समर्थकों का उग्र रूप देखते हुए पूर्व सांसद वारसी यह भी कहते नजर आए- 'मुझे मारोगे क्या। मार डालोगे क्या?'
अखिलेश बोले- पूर्व के हाथ में कटोरा, वर्तमान के हिस्से मलाई हैदोनों नेताओं के बीच विवाद के चलते दिशा बैठक को स्थगित करना पड़ गया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस विवाद का वीडियो अपने X हैंडल पर शेयर करते हुए बीजेपी पर तंज कसा है। उन्होंने लिखा है- 'पूर्व के हाथ में कटोरा, वर्तमान के हिस्से मलाई है। ये झगड़ा और कुछ नहीं बस बंटवारे की लड़ाई है। भाजपा जाए तो विकास आए।' सपा मीडिया सेल ने भी सोशल मीडिया पर जमकर निशाना साधा है। उसने लिखा है- भाजपा का चाल, चरित्र, चेहरा और संस्कार यही है। एक मुख्य मंचों से बिहार में दिखला रहे हैं और उन मुख्य के जूनियर यहां यूपी में प्रदर्शन कर रहे हैं। यही जूतम पैजार, लात घूंसे, मां बहन की गालियां ही असली भाजपाई संस्कार हैं।
लगातार तीसरी बार बीजेपी से सांसद हैं भोलेआपको बता दें कि देवेंद्र सिंह भोले अकबरपुर लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार सांसद हैं। पहली बार बीजेपी ने 2014 में उनको टिकट दिया था। इसके बाद 2019 और 2024 में भी उनके ऊपर हाईकमान ने विश्वास जताया। भोले की लंबी राजनीतिक यात्रा है। पार्टी वोट बैंक के अलावा उनकी पकड़ अन्य बिरादरी में भी है। अकबरपुर लोकसभा सीट में अकबरपुर रनियां, कानपुर की बिठूर, महराजपुर, कल्याणपुर और घाटमपुर विधानसभा सीटें जुड़ी हैं।
वारसी 2007 उपचुनाव में बने थे बसपा सांसदवहीं, अनिल शुक्ला वारसी 2007 में बिल्हौर उपचुनाव में बसपा के टिकट से सांसद चुने गए थे। 2014 में वह बसपा की तरफ से अकबरपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले से हार गए। 2015 में बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। वे सपा के सदस्य भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी प्रतिभा शुक्ला 2017 में पहली बार अकबरपुर रनियां से बीजेपी विधायक बनी थीं। 2022 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में उनको राज्यमंत्री बनाया है।
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