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दिल्ली में बाढ़ के बाद कीचड़-गंदगी ने बढ़ाई लोगों की टेंशन,पीड़ितों का आरोप; प्रशासन से नहीं मिल रही कोई मदद

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नई दिल्ली: यमुना के निचले इलाकों में रहने वाले लोग पिछले कई दिनों तक बाढ़ से परेशान रहे। पानी उतरने के बाद अब उन्हें कीचड़, गंदगी और मच्छरों के आतंक से जूझना पड़ रहा है। यमुना बाजार में रहने वाले करीब 400 लोग अभी भी मोरी गेट पर टेंट में रह रहे हैं।



कीचड़ साफ करते दिखे लोग

सुबह होते ही वे यमुना बाजार पहुंचते हैं और अपने घरों के पास तीन फुट तक जमी कीचड़ और गंदगी को साफ करने में जुट जाते हैं। पिछले तीन दिन से लोग लगातार सफाई कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन और MCD की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है। इसी वजह से यमुना बाजार के लोग प्रशासन और MCD से नाराज है।



इस कारण घरों में शिफ्ट नहीं हो पा रहे लोग

यमुना बाजार 32 घाट कॉलोनी के आरडब्ल्यूए जनरल सेक्रेटरी गोपाल झा ने बताया कि तीन दिन पहले बाढ़ का पानी उतर गया था, लेकिन लोग अब तक घरों में शिफ्ट नहीं हो पाए हैं। घरों के अंदर और बाहर तीन-तीन फुट कीचड़ जमा है। राहत शिविर में रह रहे लोग अपने घरों को दोबारा रहने लायक बनाने के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं, लेकिन अकेले के बस की बात नहीं है।उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और MCD से कोई मदद न मिलने की वजह से लोगों में गुस्सा है।



दुकानों से निकल रहा पानी

मॉनेस्ट्री मार्केट असोसिएशन के प्रेजिडेंट तेंजिन पासांग ने बताया कि पिछले बुधवार सुबह मार्केट में पानी घुसना शुरू हुआ। शाम तक पानी इतना बढ़ गया कि दुकानों को बंद करना पड़ा। दो दिनों तक दुकानें पूरी तरह बंद रहीं। धीरे-धीरे पानी निकलने लगा और शनिवार तक पूरा पानी उतर गया। रविवार से मार्केट की दुकानें फिर से खुलनी शुरू हुई। मंगलवार को मार्केट बंद रहता है, इसलिए कुछ ही दुकानें खुली है। मार्केट के दुकानदार जीतेंद्र मांझी और रोहित ने बताया कि पानी तो निकल गया है, लेकिन कीचड़ और गंदगी से मच्छरों की संख्या भी तेजी से बढ़ गई है।



अलग-अलग NGO कर रहे मदद

मयूर विहार फेज 1 स्थित फ्लाईओवर के पास रह रहे सैकड़ों परिवार बाढ़ के पानी के सूखने का इंतजार कर रहे हैं। इस मुसीबत में दिल्ली के कई अलग-अलग एनजीओ मदद के लिए आगे आए। इनमें एक एनजीओ 4 सितंबर से यहां कैंप लगाकर असहाय लोगों की मदद कर रहा है। इसकी तरफ से प्रभावित परिवारों को खाना, दूध, चाय, दवाएं PTI तक उपलब्ध कराई जा रही हैं।



एनजीओ लगाया हेल्थ कैंप

मंगलवार दोपहर तक कई एनजीओ लोगों की मदद के लिए पहुंचे। एक एनजीओ ने लोगों को वॉटर टैंक और चटाई बांटी। साथ ही कई एनजीओ ने बच्चों के लिए बिस्किट से लेकर दूसरे सामान दिए। बाढ़ पीड़िता रामलती बताती हैं कि इस मुसीबत में लोग मदद करने के लिए तो आ रहे हैं, लेकिन पिछली बाढ़ की तुलना में इस बार कम लोग ही मदद करने के लिए आए। वहीं, एक एनजीओ ने हेल्थ कैंप भी लगाया।







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