आइजोल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मिजोरम की राजधानी आइजोल से आइजोल-दिल्ली राजधानी समेत तीन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। शांत आइजोल में ट्रेन की सीटी गूंजने के साथ ही 13 सितंबर का दिन इतिहास के पन्नों में भी दर्ज हो गया। क्योंकि, आइजोल पहली बार देश के बाकी हिस्से से रेल मार्ग से कनेक्ट हुआ। वरना, दुर्गम रास्तों और पहाड़ों से घिरे आइजोल आना आसान नहीं था। खराब मौसम की वजह से एयर कनेक्टिविटी भी बहुत अच्छी नहीं है। लेकिन अब आइजोल के सुंदर प्राकृतिक नजारे और वादियां देखने के शौकीन लोग कभी भी और किसी भी मौसम में सुरक्षित सफर के साथ आराम से यहां आ सकते हैं। रेल कनेक्टिविटी मिलने से आइजोल के लोग बेहद खुश नजर आए।
कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंच पाएं पीएम
तेज बारिश की वजह से प्रधानमंत्री मोदी का हेलीकॉप्टर आइजोल के लेंगपुई एयरपोर्ट से शहर के बीचोबीच करीब 30 किलोमीटर दूर कार्यक्रम स्थल लामुअल ग्राउंड के लिए टेक ऑफ नहीं कर सका। इस कारण पीएम ने लेंगपुई एयरपोर्ट से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाते हुए जनसभा को संबोधित किया। जबकि लामुअल ग्राउंड पर मिजोरम के राज्यपाल वी. के. सिंह, मुख्यमंत्री लालदूहोमा और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौजूद थे।
वोट बैंक की राजनीति पड़ी भारी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर को ‘वोट बैंक’ की राजनीति के कारण पहले भारी नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार के प्रयासों से क्षेत्र अब देश के विकास का इंजन बन गया है। हमारा नजरिया बिल्कुल अलग है। जो पहले उपेक्षित थे, वे अब सबसे आगे हैं। जो पहले हाशिए पर थे, वे अब मुख्यधारा में हैं। इससे पहले मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद दिसंबर 2017 में मिजोरम आए थे। इसके बाद अब दूसरी बार मिजोरम आए मोदी ने यहां नौ हजार करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं की शुरुआत करने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मिजोरम केंद्र सरकार की 'एक्ट ईस्ट' नीति में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
बाहर तक थी रेल लाइन
अभी तक रेलवे लाइन मिजोरम के बइरबी तक ही थी। इससे आगे 51.38 किलोमीटर दूर आइजोल तक रेल लाइन नहीं थी। इसी दूरी को रेल मार्ग से कनेक्ट करने के लिए रेलवे ने 8,070 करोड़ रुपए की लागत से 11 सालों में सायरंग-बइरबी रेल लाइन का निर्माण किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने आइजोल को दिल्ली, गुवाहाटी और कोलकाता से जोड़ने वाली तीन नई एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि यह राज्य के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। क्योंकि यह रेल लाइन आइजोल को प्रमुख महानगरों से जोड़ेगी। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी बढ़ने से पूरे पूर्वोत्तर में शैक्षिक, सांस्कृतिक व आर्थिक संबंध मजबूत होंगे, रोजगार के अवसर सृजित होंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब हम ग्रामीण कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए यहां हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू करेंगे।
कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंच पाएं पीएम
तेज बारिश की वजह से प्रधानमंत्री मोदी का हेलीकॉप्टर आइजोल के लेंगपुई एयरपोर्ट से शहर के बीचोबीच करीब 30 किलोमीटर दूर कार्यक्रम स्थल लामुअल ग्राउंड के लिए टेक ऑफ नहीं कर सका। इस कारण पीएम ने लेंगपुई एयरपोर्ट से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाते हुए जनसभा को संबोधित किया। जबकि लामुअल ग्राउंड पर मिजोरम के राज्यपाल वी. के. सिंह, मुख्यमंत्री लालदूहोमा और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौजूद थे।
वोट बैंक की राजनीति पड़ी भारी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर को ‘वोट बैंक’ की राजनीति के कारण पहले भारी नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार के प्रयासों से क्षेत्र अब देश के विकास का इंजन बन गया है। हमारा नजरिया बिल्कुल अलग है। जो पहले उपेक्षित थे, वे अब सबसे आगे हैं। जो पहले हाशिए पर थे, वे अब मुख्यधारा में हैं। इससे पहले मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद दिसंबर 2017 में मिजोरम आए थे। इसके बाद अब दूसरी बार मिजोरम आए मोदी ने यहां नौ हजार करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं की शुरुआत करने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मिजोरम केंद्र सरकार की 'एक्ट ईस्ट' नीति में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
बाहर तक थी रेल लाइन
अभी तक रेलवे लाइन मिजोरम के बइरबी तक ही थी। इससे आगे 51.38 किलोमीटर दूर आइजोल तक रेल लाइन नहीं थी। इसी दूरी को रेल मार्ग से कनेक्ट करने के लिए रेलवे ने 8,070 करोड़ रुपए की लागत से 11 सालों में सायरंग-बइरबी रेल लाइन का निर्माण किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने आइजोल को दिल्ली, गुवाहाटी और कोलकाता से जोड़ने वाली तीन नई एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि यह राज्य के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। क्योंकि यह रेल लाइन आइजोल को प्रमुख महानगरों से जोड़ेगी। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी बढ़ने से पूरे पूर्वोत्तर में शैक्षिक, सांस्कृतिक व आर्थिक संबंध मजबूत होंगे, रोजगार के अवसर सृजित होंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब हम ग्रामीण कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए यहां हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू करेंगे।
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