खून का थक्का जमना शरीर का एक प्राकृतिक और आवश्यक प्रक्रिया है, जो किसी घाव या चोट को भरने में मदद करता है। जब खून का थक्का जमता है, तो यह तरल से जेल की तरह बन जाता है, जिससे खून का बहाव रुक जाता है। यह घावों या कटों से खून बहने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन जब यह प्रक्रिया सामान्य से भटककर शरीर के अंदर कहीं और थक्का जमाने लगती है, तो इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
खून के थक्कों के दो प्रमुख प्रकार होते हैं: डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) और पल्मोनरी एम्बोलिज्म। इन थक्कों का शरीर पर असर अलग-अलग हो सकता है। कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स में भी खून के थक्के जमने की समस्या देखी गई है, जिसे टीटीएस कहा जाता है।
ब्लड क्लॉट्स के प्रकार:
डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) – जब नस में खून का थक्का जमता है।
पल्मोनरी एम्बोलिज्म – जब खून का थक्का फेफड़ों में पहुंचता है।
हार्ट अटैक – जब खून का थक्का दिल की धमनियों में जमता है।
इस्केमिक स्ट्रोक – जब खून का थक्का मस्तिष्क की धमनियों में जमता है।
ब्लड क्लॉट्स के लक्षण:
हाथ या पैर में:
दर्द
सूजन
फ्लशिंग
फेफड़ों में (पल्मोनरी एम्बोलिज्म):
सांस लेने में दिक्कत
अनियमित दिल की धड़कन
सीने में दर्द या बेचैनी
खूनी खांसी
बहुत कम ब्लड प्रेशर
चक्कर आना या बेहोशी
पेट में:
तेज दर्द
उल्टी या मिचलाना
लूज मोशन
मल में खून आना
दिल में (हार्ट अटैक):
सीने में दबाव या दर्द
शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द (हाथ, पीठ, जबड़ा, पेट)
सांस की तकलीफ
ठंडा पसीना, मतली, या चक्कर आना
ब्रेन में (इस्केमिक स्ट्रोक):
चेहरे, हाथ या पैर में सुन्नपन
बोलने या समझने में कठिनाई
चलने में कठिनाई
चक्कर आना
सिरदर्द
ब्लड क्लॉट्स के रिस्क फैक्टर:
हाल की सर्जरी
खून के थक्कों का पारिवारिक इतिहास
लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठना
गर्भनिरोधक गोलियां या एस्ट्रोजन दवाओं का सेवन
फ्रैक्चर, मांसपेशी की चोट या डायबिटीज जैसी कंडीशंस
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