स्थानीय शेयर बाजार में मंगलवार को गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 519 अंक का गोता लगा गया जबकि निफ्टी 166 अंक टूट गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी और एशिया तथा यूरोपीय बाजारों में कमजोर रुख के बीच घरेलू बाजार में गिरावट आई।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 519.34 अंक यानी 0.62 प्रतिशत टूटकर 83,459.15 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह 565.72 अंक तक नीचे आ गया था।
पचास शेयरों पर आधारित एनएसई निफ्टी 165.70 अंक यानी 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,597.65 अंक पर रहा।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में पावर ग्रिड में सबसे ज्यादा 3.13 प्रतिशत की गिरावट आई। सितंबर तिमाही के लाभ में गिरावट से कंपनी के शेयर में गिरावट आई। इसके अलावा इटर्नल, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, मारुति और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में टाइटन, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा और भारतीय स्टेट बैंक शामिल हैं।
कमजोर वैश्विक रुख से सोना 1,200 रुपये टूटकर 1.24 लाख रुपये पर, चांदी भी कमजोरअमेरिकी फेडरल रिजर्व के कई अधिकारियों की टिप्पणियों से अगले महीने ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम होने के बाद कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 1,200 रुपये गिरकर 1,24,100 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 1,200 रुपये गिरकर 1,23,500 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गई, जिससे लगातार दूसरे सत्र में इसकी गिरावट जारी रही। सोमवार को यह 1,24,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
स्थानीय सर्राफा बाजार में, पिछले बाजार सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,25,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘मजबूत अमेरिकी डॉलर और फेडरल रिजर्व के कई अधिकारियों की आक्रामक टिप्पणियों के दबाव में मंगलवार को सोने में गिरावट आई। अधिकारियों ने अगले महीने ब्याज दरों में कटौती की संभावना को खारिज कर दिया।’’
चांदी भी मंगलवार को 2,500 रुपये की भारी गिरावट के साथ 1,51,500 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) रह गई, जबकि सोमवार को इसका भाव 1,54,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ था।
रुपया 11 पैसे बढ़कर 88.66 प्रति डॉलर परविदेशों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरकर 11 पैसे की बढ़त के साथ 88.66 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि मजबूत डॉलर, विदेशी कोषों की निकासी और सुस्त घरेलू शेयर बाजार ने रुपये में तेज बढ़त को रोक दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया 88.55 पर खुला और इसने डॉलर के मुकाबले 88.28 के दिन के उच्चतम स्तर को छुआ। इसने 88.67 के निचले स्तर को भी छुआ और सत्र के अंत में डॉलर के मुकाबले 88.66 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 11 पैसे की बढ़त है।
सोमवार को, लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ, रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले सात पैसे की गिरावट के साथ 88.77 पर बंद हुआ, जो अपने सर्वकालिक बंद स्तर के करीब है।
रुपया 14 अक्टूबर को डॉलर के मुकाबले 88.81 के अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ था। बुधवार को ‘गुरु नानक जयंती’ की छुट्टी के कारण विदेशी मुद्रा बाजार बंद रहेंगे।
बिजनेस वर्ल्ड में जीपी के नाम से मशहूर हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद पी. हिंदुजा का निधनबिजनेस वर्ल्ड में जीपी के नाम से मशहूर हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन और भारतीय मूल के अरबपति गोपीचंद पी. हिंदुजा का मंगलवार को अचानक निधन हो गया। 85 वर्षीय हिंदुजा काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। हिंदुजा ने लंदन के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली।
चार भाईयों में दूसरे सबसे बड़े गोपीचंद पी. हिंदुजा ने दो वर्ष पहले मई 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद के निधन के बाद कंपनी में चेयरमैन का पद संभाला था। हिंदुजा के प्रभावशाली नेतृत्व ने हिंदुजा ग्रुप को वैश्विक स्तर पर एक विशाल कारोबारी साम्राज्य के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। उनके परिवार में वर्तमान में उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं।
गोपीचंद पी. हिंदुजा ब्रिटेन के सबसे अमीर शख्स के रूप में पहचाने जाते थे। संडे टाइम्स रिच लिस्ट के 2025 एडिशन में गोपीचंद हिंदुजा फैमिली ब्रिटेन के अमीर परिवारों की लिस्ट में टॉप पर थी। परिवार की नेथ वर्थ 32.3 बिलियन पाउंड्स रिकॉर्ड की गई थी।
वहीं, हिंदुजा ग्रुप के कारोबार की बात करें तो ग्रुप का व्यवसाय ऑटोमोटिव, आईटी, हेल्थेकेयर, रियल एस्टेट, बैंकिंग एंड फाइनेंस, पावर, मीडिया एंड एंटरमेंट जैसे 11 सेक्टर्स में फैला हुआ है। लंदन में परिवार के पास महत्वपूर्ण रियल एस्टेट होल्डिंग्स मौजूद है, जिसमें रैफल्स लंदन होटल भी शामिल है।
उन्होंने अपना फैमिली बिजनेस 1950 में जॉइन किया। गोपीचंद हिंदुजा के नेतृत्व में ही हिंदुजा ग्रुप ने गल्फ ऑयल और अशोक लीलैंड का अधिग्रहण किया था, जिसके बाद अशोक लीलैंड के लिए एक नया पड़ाव शुरू हुआ था।
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