लाइव हिंदी खबर :-सनातन धर्म के त्रिदेवों में से एक भगवान शिव को अत्यंत भोला माना जाता है, भगवान शिव को यदि कोई भक्त सच्ची श्रद्धा से उन्हें सिर्फ एक लोटा पानी भी अर्पित कर देता है तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं, इसी कारण उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। इसके साथ ही भगवान शंकर सदा अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।
हिन्दू धर्म में सोमवार को भगवान शिव का वार माना जाता है। ऐसे में मान्यता है कि सोमवार को यदि भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो समस्त क्लेशों से मुक्ति मिलने के साथ ही मनोकामना भी पूर्ण होती है।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके भगवान शिव की आराधना करें। इस समय भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और नंदी को भी गंगाजल चढ़ाएं। वहीं सोमवार के दिन शिवजी को खास तौर पर चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल अवश्य चढ़ाएं।
ये सभी चीजें भगवान शिव की प्रिय हैं और माना जाता है कि इन्हें चढ़ाने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। इसके अलावा सोमवार monday के दिन भगवान शिवजी lord shiv को घी, शक्कर, गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद धूप, दीप से आरती करें।
पंडित एके वाजपेयी के अनुसार इसके अलावा सोमवार के दिन लघुरुद्र, महारुद्र अथवा अतिरुद्र पाठ कराना अत्यंत विशेष माना जाता है। सोमवार का यदि आप व्रत करते हैं तो इस दिन सुबह गंगा स्नान अथवा किसी पवित्र नदी या सरोवर में अथवा विधिपूर्वक घर पर ही स्नान करके शिवमन्दिर में जाकर स्थापित शिवलिंग या अपने घर में पार्थिव मूर्ति बनाकर यथाविधि षोडशोपचार-पूजन करें। इसके अलावा समय समय पर विद्वान ब्राह्मण से रुद्राभिषेक भी कराना चाहिए।
इसके अलावा सोमवार के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार करने से भगवान शिव lord shiv की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सोमवार के दिन शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूध चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी।
वहीं इस दिन इस मंत्र का भी अवश्य जाप करें –
नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥
शिव पूजा से पाएं रोगों से मुक्ति-
पंडित वाजपेयी के अनुसार माना जाता है कि शिव पूजा करने से व्यक्ति कई प्रकार के रोगों से मुक्ति पा सकता है, वहीं इसके लिए पूजा करने के अपने तरीके हैं।
1. किसी भी रोग से पूरी तरह मुक्ति के लिए हर सोमवार को शिव जी का कपूर युक्त जल से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र का निरंतर जाप करें।
2. रोग निवारण के लिए महामृत्युंजय मंत्र जप करते हुए शहद से अभिषेक करने से रोग का नाश होता है।
3. कुशोदक जल से अभिषेक करने से असाध्य रोग शांत होते हैं।
4. भगवान शिव lord shiv के मृत्यंजय मंत्र “ऊॅं जूं स:” के दस हजार जप करते हुए घी की धारा से शिवलिंग का अभिषेक किया जाए तो मधुमेह (डाइबिटीज) रोग दूर होता है।
5. गाय के घी से अभिषेक करने से आरोग्य लाभ होता है।
6. जो व्यक्ति हरी दूर्वा से भगवान शिव का पूजन करता है उसे दीर्घायु प्राप्त होती है।
7. लंबी या लाइलाज बीमारी से तंग हैं तो पंचमुखी शिवलिंग पर तीर्थ का जल अर्पित करने से रोगमुक्त होंगे।
8. ज्वर(बुखार) से पीडि़त होने पर भगवान शिव को जल चढ़ाने से तुरंत लाभ मिलता है।
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