आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार सुबह छापेमारी की। यह कार्रवाई कथित अस्पताल निर्माण घोटाले से जुड़े आरोपों की जांच के तहत की गई है। अब तक पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल समेत कई नेताओं पर ईडी की कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन पहली बार यह जांच सौरभ भारद्वाज तक पहुंची है।
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की जांच से जुड़ा मामला
दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने स्वास्थ्य अवसंरचना परियोजनाओं में अनियमितताओं को लेकर पूर्व मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप है कि इन योजनाओं में वित्तीय गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर मामले सामने आए। इन्हीं आरोपों की गहराई से जांच करते हुए ईडी ने दिल्ली-एनसीआर में कुल 13 स्थानों पर छापेमारी की है।
सुबह-सुबह ईडी की कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, सुबह ही ईडी की एक टीम भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सौरभ भारद्वाज के घर पहुंची। टीम ने वहां मौजूद दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड की बारीकी से जांच शुरू की। इस अचानक हुई कार्रवाई से इलाके में हलचल तेज हो गई और लोग इस घटनाक्रम पर चर्चा करने लगे।
अस्पताल परियोजनाओं में गड़बड़ी के आरोप
वर्ष 2018-19 में दिल्ली सरकार ने 5,590 करोड़ रुपये की लागत से 24 अस्पताल परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। आरोप यह है कि इन परियोजनाओं को जानबूझकर लंबित रखा गया और लागत में असामान्य रूप से बढ़ोतरी की गई। विपक्ष इसे बड़ा घोटाला बता रहा है, वहीं आम आदमी पार्टी लगातार कहती रही है कि इन आरोपों का कोई आधार नहीं है और उसके नेताओं को साजिशन फंसाया जा रहा है।
आप का रुख
आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार की जांच एजेंसियां विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक, अस्पताल निर्माण में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ बल्कि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए यह कदम उठाए गए थे। उनका आरोप है कि ईडी की यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है।
सौरभ भारद्वाज की भूमिका और जिम्मेदारियां
सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद सौरभ भारद्वाज को दिल्ली सरकार में मंत्री बनाया गया और स्वास्थ्य विभाग का प्रभार सौंपा गया। तेजतर्रार प्रवक्ता के रूप में सौरभ पार्टी की आवाज भी बने रहे। अरविंद केजरीवाल और अन्य वरिष्ठ नेताओं के जेल में होने के दौरान, सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने पार्टी और सरकार की ज़िम्मेदारी मिलकर संभाली।
राजनीतिक हलचल तेज
ईडी की इस कार्रवाई ने दिल्ली की राजनीति को एक बार फिर गरमा दिया है। एक ओर विपक्ष इसे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश बता रहा है, वहीं आप इसे केंद्र की साजिश मान रही है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि ईडी की जांच आगे किस दिशा में जाती है और इसका असर सौरभ भारद्वाज के राजनीतिक करियर पर क्या पड़ता है।
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