गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें विशेष रूप से आत्मा की यात्रा, पाप-पुण्य का फल, कर्मों का प्रभाव, स्वर्ग-नरक की अवधारणा और मृत्यु के बाद आत्मा को प्राप्त होने वाले परिणामों का विस्तार से उल्लेख है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मनुष्य अपने जीवन में जो भी कर्म करता है, मृत्यु के बाद उसका फल अवश्य प्राप्त करता है—चाहे वह शुभ हो या अशुभ। हम सभी जिस समाज और परिवार का हिस्सा हैं, वहां रिश्तों की मर्यादा और सम्मान बनाए रखना बहुत आवश्यक होता है। यदि कोई व्यक्ति इन पवित्र संबंधों की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, तो गरुड़ पुराण में उसके लिए विशेष दंड निर्धारित किए गए हैं। यह भी बताया गया है कि मृत्यु के उपरांत ऐसे लोगों की आत्मा को कौन सी योनि प्राप्त होती है और उन्हें किस प्रकार की सजा भुगतनी पड़ती है।
दामाद के साथ भागने वाली महिला को कहा गया है महापापी
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां एक महिला अपने होने वाले दामाद के साथ भाग गई। इस घटना को लेकर लोग कहने लगे कि अब घोर कलियुग आ गया है। गरुड़ पुराण में ऐसे कृत्यों को अक्षम्य बताया गया है। ऐसे संबंधों की मर्यादा भंग करने वालों को मृत्यु के बाद कठोर दंड और भयावह नरक का सामना करना पड़ता है।
सास और दामाद के पवित्र रिश्ते को कलंकित करना—स्त्री हो या पुरुष, दोनों के लिए दंडनीय
दामाद और सास का रिश्ता एक मां और बेटे जैसा माना जाता है। यदि कोई सास अपने दामाद पर या दामाद अपनी सास पर कुदृष्टि डालता है, तो यह संबंधों की पवित्रता को कलंकित करता है। यह केवल सामाजिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि धर्म और प्रकृति के नियमों के भी विरुद्ध कार्य है। गरुड़ पुराण के अनुसार, ऐसे पापियों को यमदूत मृत्यु के बाद महापातक नामक नरक में ले जाते हैं, जहां उन्हें कड़ी यातनाएं दी जाती हैं। यह नरक अत्यंत भयानक होता है। जो व्यक्ति किसी पराई स्त्री पर बुरी दृष्टि डालता है, उसे अगले जन्म में नपुंसक योनि प्राप्त होती है। मित्र की पत्नी या पुत्रवधू के साथ दुराचार करने वाले को कुंभीपाक नरक में भेजा जाता है, जहां उसे खौलते तेल में डाला जाता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार, पवित्र संबंधों को तोड़ने का फल कितना भयंकर होता है
जो पुरुष किसी पराई स्त्री के कारण अपनी पत्नी को त्याग देता है या कोई महिला गैर मर्द के लिए अपने पति से संबंध तोड़ लेती है, उन्हें भी मृत्यु के बाद घोर नरक की यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। इतना ही नहीं, ऐसे लोग सात जन्मों तक अपने जीवनसाथी से वियोग सहने के लिए विवश होते हैं। यदि कोई स्त्री अपने पति को छोड़कर परपुरुष से संबंध बनाती है, तो गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के बाद उसका पुनर्जन्म छिपकली, चमगादड़ या दो मुंह वाले सर्प के रूप में होता है।
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