हैदराबाद, 7 सितंबर . तेलंगाना की राजनीति में बीते साल बीआरएस से कांग्रेस में शामिल हुए दस में से नौ विधायकों ने Sunday शाम को Chief Minister ए. रेवंत रेड्डी से उनके आवास पर मुलाकात की.
इस बैठक का खास महत्व है क्योंकि Supreme court ने 31 जुलाई को तेलंगाना विधानसभा के स्पीकर को निर्देश दिया है कि वह तीन महीने के अंदर इन विधायकों के विरुद्ध अयोग्यता के मामले में फैसला लें.
बैठक में कड़ियम श्रीहरी को छोड़कर बाकी सभी दस विधायक मौजूद थे. बताया जा रहा है कि लगभग एक घंटे तक चली इस बंद कमरे की बैठक में विधायकों ने स्पीकर गद्दाम प्रसाद कुमार द्वारा जारी नोटिसों के बाद अपनी राजनीतिक और कानूनी स्थिति पर चर्चा की. ये नोटिस Supreme court के आदेश के बाद दिए गए थे, जिसमें विधायकों की सदस्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की गई है.
हालांकि, विधायकों का कहना है कि Chief Minister से मुलाकात का उद्देश्य अपने-अपने क्षेत्रों के विकास के लिए सहायता मांगना था, लेकिन राजनीतिक हलकों में यह चर्चा हो रही है कि बैठक में नोटिसों के जवाब में रणनीति बनाने पर भी विचार हुआ. विधायकों का दावा है कि वे अभी भी बीआरएस के सदस्य हैं और विधानसभा के रिकॉर्ड में उनका नाम बीआरएस के रूप में दर्ज है.
Supreme court ने बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव और कुछ अन्य विधायकों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था कि स्पीकर को तीन माह के भीतर अयोग्यता के मामलों का निपटारा करना होगा.
मुख्य विपक्षी दल ने स्पीकर से मांग की है कि मार्च 2024 के बाद कांग्रेस में शामिल हुए सभी दस बीआरएस विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाए.
इन विधायकों में दानम नागेंद्र (खैरताबाद), टेल्लम वेंकट राव (भद्राचलम), कड़ियम श्रीहरी (स्टेशन घनपुर), पोचरम श्रीनिवास रेड्डी (बंसवाड़ा), एम. संजय कुमार (जगटियाल), अरेकापुड़ी गांधी (सेरिलिंगमपल्ली), टी. प्रकाश गौड़ (राजेंद्रनगर), बी. कृष्ण मोहन रेड्डी (गडवाल), जी. महिपाल रेड्डी (पतंचेरे) और काले यादव हैं, जिन्होंने पिछले साल बीआरएस छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे.
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वीकेयू/
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