काठमांडू, 8 सितंबर . नेपाल में social media पर प्रतिबंध लगाने के बाद काठमांडू में Monday को सरकार के फैसले के खिलाफ जेन जी (युवाओं) ने काठमांडू में प्रदर्शन किया. इस दौरान सुरक्षा बलों के साथ हिंसक झड़प में कम से कम आठ प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई.
सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस, पानी की बौछारें, रबर की गोलियां और हवाई फायरिंग भी की. इसके बावजूद युवा प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प होती रही.
दरअसल 25 अगस्त को नेपाल कैबिनेट ने फैसला किया था कि सभी social media ऑपरेटर्स को सात दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. 4 सितंबर को नेपाल सरकार ने फेसबुक, मैसेंजर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सएप, एक्स, रेडिट समेत 26 social media प्लेटफॉर्म को ब्लॉक कर दिया था.
इस प्रतिबंध के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए सैकड़ों प्रदर्शनकारी काठमांडू के मैतीघर में एकत्र हुए, जिससे युवा नेपालियों में व्यापक आक्रोश फैल गया. प्रदर्शनकारी प्रतिबंधित क्षेत्रों में घुसने लगे.
प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षाबलों ने बैरिकेड लगा दिए, लेकिन युवा प्रदर्शनकारी जब न्यू बानेश्वर स्थित संसद परिसर में घुस गए तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई.
काठमांडू और आसपास के प्रमुख इलाकों में तुरंत कर्फ्यू लगा दिया गया और स्थिति से निपटने के लिए नेपाली सेना ने मोर्चा संभाल लिया. प्रदर्शन के दौरान गंभीर रूप से घायल पांच लोगों की मौत ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान हो गई.
इसके अलावा दो ने सिविल अस्पताल और एक ने काठमांडू मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया. प्रमुख नेपाली दैनिक ‘द हिमालयन टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ पीड़ितों की पहचान हो गई है, अन्य की पुष्टि होनी बाकी है.
हिंसा में सैकड़ों लोग घायल भी हुए, जिनमें प्रदर्शनकारी, पत्रकार और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं, जिनमें से कई का काठमांडू के अस्पतालों में इलाज चल रहा है. कई की हालत गंभीर बनी हुई है.
अधिकारियों ने बानेश्वर में स्थिति को “बेहद तनावपूर्ण” बताया और दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और संसद परिसर में जबरन घुस गए, जिसके बाद उन्हें निकाल दिया गया.
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वीसी
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