Bhopal , 8 अक्टूबर . Madhya Pradesh के Chief Minister मोहन यादव ने कलेक्टर-कमिश्नर की कॉन्फ्रेंस में आगामी मार्च 2026 तक राज्य में नक्सलवाद के खात्मे की रणनीति बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही राज्य की कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आपसी समन्वय पर जोर दिया.
Chief Minister यादव ने कहा कि कलेक्टर्स और Police अधीक्षक अपने-अपने जिलों में खुद का प्रभावी सूचना तंत्र विकसित करें, ताकि किसी भी घटना या दुर्घटना की सूचना तत्काल प्राप्त हो और समय पर नियंत्रण किया जा सके. कलेक्टर एवं एसपी दोनों में उच्च कोटि का तालमेल होना चाहिए. दोनों संयुक्त रूप से कार्ययोजना बनाकर जिले की कानून व्यवस्था की निगरानी रखें.
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की दृष्टि से ऐसी संवेदनशील बस्तियां जहां सड़कें संकरी हैं और फोर्स मूवमेंट में समस्या आती है, सभी कलेक्टर्स ऐसे स्पॉट्स, जगहों को चिन्हित कर वहां का जोनल प्लान स्थानीय नगरीय निकायों के सहयोग से अगले तीन माह में तैयार कर लें, ताकि आवागमन सुगम हो और आवश्यकता पड़ने पर फोर्स मूवमेंट में समस्या न आए.
Chief Minister यादव ने Police अधिकारियों से कहा कि Madhya Pradesh को मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त करने के दृष्टिगत छह माहों में बालाघाट, मण्डला और डिण्डोरी जिलों के कलेक्टर्स और एसपी लक्ष्य केंद्रित कर यह काम पूरा करें. Naxalite घटनाओं को समाप्त करने के लिए हर संभव कार्यवाही करें. Naxalite या तो सरेंडर करें अन्यथा उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा.
बालाघाट जिले में Naxalite गतिविधियों में बेहद कमी आने के कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बालाघाट को अति नक्सलवाद प्रभावित जिले की श्रेणी से डाउनग्रेड कर सामान्य श्रेणी में कर दिया है. बताया गया कि कलेक्टर बालाघाट द्वारा नक्सल प्रभावित ग्रामों में विशेष प्रयास करके 200 से अधिक युवाओं को एलएनटी जैसी कंपनी में रोजगार दिलाया गया है. इससे वे दिशाभ्रमित होने से बच गए और समाज की मुख्यधारा से जुड़ गए हैं. इस साल ही हमने आठ मुठभेड़ में दस Naxalite मार गिराए हैं.
Chief Minister यादव ने कहा कि प्रदेश में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों को बाहर करने के लिए Police एवं अन्य एजेंसियां संयुक्त रूप से कार्य करें, इस काम में और सख्ती लाएं. अब तक 19 बांग्लादेशियों को चिन्हित कर वापस भेजा गया है. अवैध घुसपैठियों के खिलाफ ऐसी कार्यवाही आगे भी जारी रखें.
उन्होंने प्रदेश में ड्रग्स के अवैध कारोबार एवं नशे पर अंकुश लगाने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय करते हुए हर स्तर पर नशे को प्रतिबंधित किए जाने के निर्देश दिए. इसी कड़ी में कोरेक्स कफ सिरप के अतिशय उपयोग को भी नियंत्रित किया जाए. ड्रग एवं अन्य नशे के पदार्थ के कारोबार पर सख्ती से रोक लगाने के लिए इंडस्ट्रियल बेल्ट में कलेक्टर-एसपी तालमेल करके बारीक निगाहें रखें. इनका लगातार निरीक्षण होता रहे. कोरेक्स को कैसे कंट्रोल किया जाए, इसके लिए उच्च स्तर पर विचार कर समाधान निकालें. शेड्यूल एच ड्रग्स ओवर द काउंटर न बिकें और सभी दवाइयों का हिसाब भी फार्मासिस्ट अनिवार्य रूप से रखें.
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एसएनपी/डीकेपी
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