तिरुवनंतपुरम, 23 अक्टूबर . सीबीआई ने केरल के दो कथित जालसाजों और दो Policeकर्मियों के खिलाफ ऑटोमोबाइल डीलरशिप देने की आड़ में एक महिला निवेशक को धोखा देने का केस दर्ज किया है. एक अधिकारी ने Thursday को यह जानकारी दी.
केरल उच्च न्यायालय के निर्देश पर, सीबीआई की विशेष अपराध शाखा, तिरुवनंतपुरम की मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिव्या सारा थॉमस की देखरेख में Wednesday को सीबीआई की प्राथमिकी दर्ज की गई. यह शिकायत अलप्पुझा के चेंगन्नूर स्थित करक्कड़ गांव की निवासी, शिकायतकर्ता ज्योल्सना बीनू ने दर्ज की थी.
बीनू ने आरोप लगाया कि पथानामथिट्टा निवासी सोनी पी. भास्कर और एम.के. वरदराजन ने उनके और उनके पति के साथ 27.5 लाख रुपये की ठगी की.
सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि बीनू ने शिकायत की कि आरोपी भास्कर और वरदराजन ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि वे एस्सेन बैंकर्स नामक एक साझेदारी फर्म के क्रमशः प्रबंधक और कानूनी सलाहकार हैं.
उसने आरोप लगाया कि दोनों ने 2003 से 2007 के बीच अलग-अलग मौकों पर उससे कुल 27.5 लाख रुपये वसूले, इस वादे के साथ कि उसके पति को प्रबंध निदेशक नियुक्त करके उनके द्वारा प्रस्तावित ऑटोमोबाइल व्यवसाय में उसे डीलरशिप प्रदान की जाएगी.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि इसके बाद दोनों ने उनसे पैसे वसूले और आश्वासन के बावजूद डीलरशिप नहीं दी. शिकायतकर्ता ने बताया कि 3.50 लाख रुपये के दो चेक और 20.50 लाख रुपये नकद के रूप में भुगतान किया गया था.
सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि आईपीसी की धारा 201 के तहत जांच के दौरान – अपराध के साक्ष्य को गायब किया गया या अपराधी को बचाने के लिए झूठी जानकारी दी गई. इस पूरे मामले में ए. अभिलाष, कृष्णकुमार, डिटेक्टिव इंस्पेक्टर और डिटेक्टिव सब इंस्पेक्टर की संलिप्तता के सबूत मिले.
धोखाधड़ी, साझा इरादे से किया गया आपराधिक कृत्य और अपराध के साक्ष्य को गायब करने जैसे दंडात्मक प्रावधानों के तहत दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है, “तदनुसार, भारतीय दंड संहिता की धारा 201 के तहत अपराध जोड़ा गया और ए. अभिलाष, कृष्णकुमार, डिटेक्टिव इंस्पेक्टर और डिटेक्टिव सब इंस्पेक्टर को आरोपी बनाया गया.”
सीबीआई की Police अधीक्षक दिव्या सारा थॉमस, आईपीएस द्वारा हस्ताक्षरित सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है, “प्राथमिकी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, तिरुवनंतपुरम को भेजी जा रही है.”
इससे पहले, उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका में, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि राज्य Police के जांचकर्ताओं ने स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, चेंगन्नूर से दो चेक लीफ की बरामदगी के संबंध में भ्रामक बयान दिए और संबंधित अदालत के समक्ष उपरोक्त चेक लीफ पेश करने में भी विफल रहे.
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसकी पूछताछ से पता चला है कि राज्य Police जांचकर्ताओं द्वारा “जब्त” किए गए उपरोक्त चेक लीफ गायब थे.
याचिकाकर्ता ने संदेह जताया कि चेक, जो महत्वपूर्ण साक्ष्य थे, दोषियों को बचाने के लिए जानबूझकर नष्ट कर दिए गए थे. उन्होंने केरल Police के दोनों जांचकर्ताओं के खिलाफ विस्तृत शिकायत दर्ज कराई.
–
केआर/
You may also like

होटल में मिलने आई थी बॉयफ्रेंड से कमरे में पहुंचते ही` किया गर्लफ्रेंड ने किया ऐसा काम जो किसी ने सोचा भी न होगा

इस गांव में घरवाले अपनी बेटियों से कराते हैं देह व्यापार,` कम उम्र में लड़कियां हो जाती है जवान

ना श्मशान ना दफनाना! यहां लाशें सालों तक घर में रहती` हैं परिवार वाले करते हैं बात लगाते हैं मेकअप… रहस्य से भरा 'मुर्दों का शहर

Q2 रिजल्ट के बाद Dixon Tech शेयर खरीदें, बेचें या करें होल्ड, जानें मोतीलाल ओसवाल, नोमुरा, जेएम फाइनेंशियल ब्रोकरेज से

Stocks to Buy: आज SCI और Birlasoft समेत ये शेयर करा सकते हैं फायदा, दिख रहे तेजी के संकेत, दांव लगाना चाहेंगे




