मोहाली, 7 मई . पाकिस्तान में हुए एयर स्ट्राइक पर ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) इंद्रजीत सिंह चुघ ने कहा कि भारत को ज्यादा अलर्ट रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम देने का सुझाव दिया, जिससे यह संदेश दिया जा सके कि हम इस तरह के कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन उन लोगों को समर्पित है जिन्होंने अपनी जान गंवाई.
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) इंद्रजीत सिंह चुघ ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में हमने 26 पर्यटकों को खो दिया. इस दौरान आतंकियों ने सभी पुरुषों को बहुत करीब से गोली मार दी. माताओं और बहनों के सिंदूर को उजाड़ दिया था. इसलिए इसका नाम ऑपरेशन सिंदूर रखा गया. उन्होंने कहा कि आतंकी हमले ने पूरे देश को दुखी कर दिया. इस हमले में महिलाओं और बच्चों की स्थिति भी उतनी ही परेशान करने वाली थी. इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान बौखला गया है. ऐसे में वह कुछ भी एक्शन ले सकता है.
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को सही तरीके से और सही समय पर करने की जरूरत है. देश की स्थिति देखते हुए और अधिक सतर्क रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में मॉक ड्रिल/ब्लैक आउट की बहुत जरूरत है.
वहीं, लेफ्टिनेंट कर्नल एसएस सोही ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साहस की सराहना करते हुए बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह तो होना ही था. पहलगाम में पाकिस्तान ने हमला करवाकर बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया था. वह इस तरह की हरकत तो करता ही आ रहा है.
उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमले करवाने की पाकिस्तान की आदत बन गई थी. ऐसे में भारत को मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी हो गया था. आतंकियों ने गोलीबारी करते हुए कहा था कि अपनी मोदी सरकार को बता देना जो हम कर रहे हैं. ऐसे में कड़ी कार्रवाई होनी जरूरी थी. आज पूरे पाकिस्तान में मातम छाया हुआ है.
उल्लेखनीय है कि पहलगाम आतंकी हमले का बदला भारत ने पाकिस्तान और पीओके में एयर स्ट्राइक से लिया है. भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत नौ ठिकानों पर हमले को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी लगातार इस पूरी सैन्य कार्रवाई पर नजर रखे हुए हैं. यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई का हिस्सा था.
इसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी. यह ऑपरेशन भारत द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए एक सुनियोजित कदम था कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए, जबकि आगे की स्थिति से बचने के लिए संयम बनाए रखा गया.
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एएसएच/डीएससी
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