जम्मू, 28 अगस्त . जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश जारी रहने के कारण सभी शैक्षणिक संस्थान Thursday को बंद रहेंगे.
शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने Wednesday को ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए बताया कि खराब मौसम को देखते हुए जम्मू और कश्मीर में स्कूल और कॉलेज Thursday को बंद रहेंगे.
जम्मू क्षेत्र में मूसलाधार बारिश और कश्मीर घाटी में हो रही बारिश के बीच स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है. जम्मू में स्कूल Monday से बंद हैं, जबकि कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, बडगाम और श्रीनगर जिलों में Wednesday को एहतियात के तौर पर शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए.
कश्मीर विश्वविद्यालय ने भी Thursday को होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं. विश्वविद्यालय ने कहा, “खराब मौसम की स्थिति को देखते हुए Thursday को होने वाली कश्मीर विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं.”
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. कश्मीर में झेलम और अन्य नदियों का जलस्तर बाढ़ की चेतावनी सीमा को पार कर गया है. वहीं, जम्मू क्षेत्र में नदियां और नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं.
लगातार चार दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश के कारण क्षेत्र के बड़े हिस्से जलमग्न हो जाने के बाद निचले इलाकों से हजारों लोगों को निकाला गया है. इस बीच, जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में त्रासदी हुई, जहां वैष्णो देवी तीर्थयात्रा मार्ग भूस्खलन की चपेट में आ गया.
बचावकर्मियों द्वारा Wednesday को मलबे के नीचे से और शव बरामद किए जाने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 34 हो गई. बचाव दल अभी भी बचे हुए लोगों की तलाश कर रहे हैं.
मौसम विभाग ने Wednesday को जम्मू संभाग के कई हिस्सों और दक्षिणी व मध्य कश्मीर में हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने Wednesday को एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा की गई और संकट से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया गया. उन्होंने अधिकारियों, केंद्रीय एजेंसियों, सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
उपराज्यपाल ने अधिकारियों से बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिजली, पीने का पानी, स्वास्थ्य सेवाएं, राशन और टेलीफोन कनेक्टिविटी जैसी जरूरी सेवाओं को बिना रुकावट जारी रखने को कहा. उन्होंने जोर दिया कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में बाधित सेवाओं को प्राथमिकता के साथ बहाल किया जाए और खाद्य सामग्री व दवाइयों का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित किया जाए.
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पीएसके
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