लखनऊ, 11 मई . उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी के उद्घाटन के अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में वज्रप्रहार है.
दिल्ली से वर्चुअली जुड़े रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को राजधानी लखनऊ के डिफेंस कॉरिडोर में “ब्रह्मोस” एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी का शुभारंभ किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अधिकारियों का आभार जताया और कहा कि ब्रह्मोस सिर्फ एक मिसाइल नहीं, यही आत्मनिर्भर भारत की दिशा में वज्रप्रहार है. यह विश्व की सबसे तेज परियोजना है, जो 300 करोड़ की लागत से तैयार हुई. उप्र सरकार द्वारा 80 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई गई, जो उत्तर प्रदेश की गौरवपूर्ण उपलब्धि का जीवंत प्रमाण है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के सुदृढ़ नेतृत्व, सुशासन और बेजोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर नीति के कारण यह गौरवपूर्ण उपलब्धि संभव हुई और आज हर वैश्विक कंपनी यूपी में निवेश की इच्छुक है. ब्रह्मोस दुनिया के सबसे तेज, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में से एक है. उत्तर प्रदेश अब भारत की डिफेंस आत्मनिर्भरता का नया केंद्र बन चुका है.
वहीं, उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि वर्तमान समय में जब भारतीय सेना देश की अस्मिता और अखंडता की रक्षा के लिए अपने शौर्य व पराक्रम का सर्वोच्च प्रदर्शन कर रही है, ऐसे समय में इस कार्यक्रम का महत्व एवं प्रासंगिता कई गुना बढ़ जाता है. उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड के भटगांव में 300 करोड़ रुपए की लागत से परियोजना पूरी की गई है, जो भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है.
उन्होंने कहा कि आज हमारे भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम से दुश्मन देश थर-थर कांप रहा है. ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को विफल करते हुए उनके एयरबेस पर अपनी धमक दिखाई है. डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड में ब्रह्मोस एयरोस्पेस की इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी परियोजना का लोकार्पण नए भारत के नए उत्तर प्रदेश, समृद्ध एवं सशक्त उत्तर प्रदेश की झांकी है.
उन्होंने कहा कि जब हम दुनिया की सबसे अत्याधुनिक और विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की बात करते हैं, तो ब्रह्मोस का नाम शीर्ष में शुमार दिखाई देता है. रूस और भारत के डीआरडीओ द्वारा संयुक्त रूप से विकसित यह मिसाइल अपनी पीढ़ी की अद्वितीय मिसाइल है. इसे मरीन, शिप, फाइटर जेट या फिर सतह से भी लॉन्च किया जा सकता है. आज का यह ऐतिहासिक दिन भारतीय सशस्त्र बलों की सैन्य क्षमता एवं युद्धक सामर्थ्य बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा.
–
विकेटी/एबीएम/डीएससी
You may also like
विराट कोहली के रिटायरमेंट से इन 3 खिलाड़ियों की चमकी किस्मत, नंबर-4 पर कर मिल सकता है बैटिंग का मौका
Weight Loss Juices : घर पर आसानी से बनाएं ये हेल्दी जूस, तेजी से घटाएं बढ़ा हुआ वजन
आंबेडकर के जरिए मिशन 2027 में जुटी भाजपा, विपक्ष के नैरेटिव को तोड़ने की तैयारी
बनारस-कोलकाता एक्सप्रेसवे को लेकर आ गया एक और अपडेट, बिहार में अधिकारियों ने लिया अहम फैसला
भरत अहलावत का खुलासा, रणबीर कपूर के इस किरदार से प्रेरित होकर सीखा गिटार